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अमेरिका की नागरिक, ब्राज़ील में बेघर: दो साल की मासूम पर गिरी Trump की इस पॅालिसी की गाज

US citizen deported to Brazil:अमेरिका में जन्मी दो बरस की नागरिक मैनू को उसके अवैध प्रवासी माता-पिता के साथ ब्राज़ील निर्वासित कर दिया गया है।

भारतMay 29, 2025 / 04:54 pm

M I Zahir

US citizen deported to Brazil

अमेरिका में जन्मी दो बरस की मैनू को उसके अवैध प्रवासी माता-पिता के साथ ब्राज़ील निर्वासित कर दिया गया है। (फोटो: वाशिंगटन पोस्ट।)

US citizen deported to Brazil: अमेरिका से ब्राज़ील निर्वासित की गई दो साल की बच्ची मैनू अब ब्राज़ील में बिना नागरिकता, स्कूल या स्वास्थ्य सेवा के संघर्ष कर रही है। मैनू अमेरिकी नागरिक है, लेकिन उसके माता-पिता अवैध प्रवासी थे जिन्हें फ़रवरी 2025 में देश से निकाला (US citizen deported) गया। बच्ची को उनके साथ भेजा गया (American child deportation), जिससे वह एक “स्टेटलेस” (बिना कानूनी मान्यता वाला) जीवन जीने को मजबूर हो गई। जानकारी के अनुसार अमेरिका में जन्मी 2 वर्षीय बच्ची, एमानुएली “मैनू” बोरगेस सैंटोस, को फरवरी 2025 में अपने अवैध प्रवासी माता-पिता के साथ फ्लोरिडा से ब्राजील निर्वासित कर दिया गया। मैनू अमेरिकी नागरिक है, अब ब्राजील में बिना नागरिकता या निवास अधिकारों (Brazil immigration case) के जीवन जी रही है। वह एक अस्थायी पर्यटक वीज़ा पर है, जो जल्द ही समाप्त हो रहा है, और उसे सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल या शिक्षा जैसी बुनियादी सेवाओं तक पहुंच नहीं है।

हमें कोई विकल्प नहीं दिया गया था : मैनू के माता-पिता

अमेरिकी प्रवासन अधिकारियों का कहना है कि माता-पिता से पूछा जाता है कि क्या वे अपने बच्चों के साथ निर्वासन चाहते हैं, लेकिन मैनू के माता-पिता का दावा है कि उन्हें कोई विकल्प नहीं दिया गया था। इस मामले ने न्यायाधीशों और प्रवासन अधिवक्ताओं से आलोचना प्राप्त की है, जो इसे मिश्रित-स्थिति परिवारों पर प्रवासन प्रवर्तन के प्रभावों का उदाहरण मानते हैं। ब्राजील की सरकार मैनू को कानूनी स्थिति देने के तरीकों की तलाश कर रही है, लेकिन वह अभी भी अनिश्चितता में है।

अमेरिका का अपने नागरिक को निर्वासित करना मानवाधिकारों का उल्लंघन

ब्राज़ील की सरकार अब मैनू को स्थायी कानूनी पहचान देने के विकल्प तलाश कर रही है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका की ओर से एक अपने ही नागरिक को निर्वासित करना अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकारों का उल्लंघन है। यह मामला केवल एक बच्ची की नहीं, बल्कि पूरे प्रवासन तंत्र पर सवालिया निशान है।

मासूम के निर्वासन पर रिएक्शन

मानवाधिकार कार्यकर्ता इसे “राजनीतिक कठोरता का अमानवीय चेहरा” बता रहे हैं। इमिग्रेशन वकील कहते हैं: “एक अमेरिकी नागरिक को निर्वासित नहीं किया जा सकता–यह संविधान के खिलाफ है।”

ब्राज़ील के मीडिया में सुर्खियां

“अमेरिका ने बच्ची को भुला दिया?”

क्या अमेरिकी सरकार इस पर सफाई देगी?

क्या मैनू को वापस अमेरिका लाने की कोई कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी?

अमेरिका में नवंबर 2026 के चुनाव से पहले यह मामला कैसे राजनीतिक मुद्दा बन सकता है?

साइड एंगल: ट्रंप-युग की कठोर नीतियों का खामियाजा

बहरहाल अमेरिका में “मिश्रित-स्थिति वाले परिवार” यानी जिनमें बच्चे अमेरिकी नागरिक हैं और माता-पिता नहीं — इन पर ट्रंप-युग की कठोर नीतियों का सबसे ज़्यादा असर हुआ है। सन 2024 से अब तक करीब 300 से ज्यादा ऐसे मामलों में अमेरिकी बच्चों को उनके माता-पिता के साथ निर्वासित किया गया, जबकि कानूनी रूप से वे यहीं रह सकते थे।
(एक्सक्लूसिव इनपुट क्रेडिट: द वाशिंगटन पोस्ट।)

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