बर्कशायर से कैसे जुड़े?
1984 में कनाडा की अल्बर्टा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। 1992 में उन्होंने मिड अमरीकन एनर्जी जॉइन की, जिसे 1999 में बर्कशायर ने खरीद लिया। यहीं से उनकी असली उड़ान शुरू हुई। 2008 में वे मिड अमरीकन के सीईओ बने और वे बर्कशायर के सभी नॉन इंश्योरेंस कंपनियों को संभालते हैं।
वारेन बफे के भरोसेमंद
अपने काम के दम पर एबेल ने वॉरेन बफेट का भरोसा जीता। उन्होंने बड़े सौदे पहचानने और बड़े जोखिमों से बचने की अपनी कुशलता दिखाई। उन्हें लेकर एक बार बफे ने कहा था कि दुनिया में बहुत सारे होशियार बेवकूफी भरी हरकतें करते हैं, लेकिन ग्रेग ऐसा कभी नहीं करते।
क्या बनाती है बर्कशायर हैथवे
बर्कशायर हैथवे की शुरुआत एक कपड़ा कंपनी से हुई थी, जो शुरुआती दौर में विफल साबित हुई थी, लेकिन वॉरेन बफे ने इसे 1.6 ट्रिलियन डॉलर के ग्रुप में तब्दील कर दिया। आज हैथवे का कारोबार रेललाइन, बीमा, कपड़े, कंस्ट्रक्शन, एनर्जी से लेकर आइसक्रीम बनाने वाली कंपनी तक फैल चुका है। बेचेंगे नहीं, दान करेंगे शेयर
एजीएम ने बफे ने यह भी कहा कि वे कंपनी में अपना एक भी शेयर नहीं बेचेंगे। उन्होंने कहा कि उनके शेयरों को उनके निधन के बाद दान किया जाएगा।
कितनी संपत्ति के मालिक एबेल?
एबेल की कुल संपत्ति करीब 1 अरब डॉलर (लगभग 8,457 करोड़ रुपए से ज्यादा) है। वे हॉकी के दीवाने माने जाते हैं और अपने बेटे की हॉकी टीम के कोच भी हैं।