मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में जलदान से बड़ा कोई दान नहीं है। इसलिए इस महीने में किसी भी प्यासे जीव, चाहे वह पशु पक्षी ही क्यों न हो, को पानी पिलाने का मौका मिले तो उससे बड़ा पुण्य का काम कोई नहीं है (Jyeshtha Me Kya Nahi Karna Chahiye)।
ज्येष्ठ माह में किन देवताओं की करें पूजा (Jyestha Mas Me Puja)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह में हनुमान जी, सूर्य देव, शनि देव और वरुण देव की विशेष उपासना की जाती है। वरुण जल के देवता हैं, सूर्य देव अग्नि के और हनुमान जी कलयुग के देवता माने जाते हैं। इस साल ज्येष्ठ महीना 13 मई से 11 जून तक चलेगा। इस पवित्र महीने में पूजा-पाठ और दान-धर्म करने से कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति मिल जाती है।
इस पवित्र महीने में जल संरक्षण और पेड़-पौधों को जल देने से कई कष्टों का नाश होता है, साथ ही पितर प्रसन्न होते हैं।
ये भी पढ़ेंः Bada Mangal 2025: बड़े मंगल का हनुमानजी और भगवान राम का खास कनेक्शन, जानें नवाब से जुड़ी मान्यता, डेट और कैसे करें इस दिन पूजा ज्येष्ठ माह में न करें ये काम (Jyeshtha Me Kya Nahi Karna Chahiye)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार ज्येष्ठ महीने में भूलकर कुछ काम नहीं करने चाहिए। ऐसा करने से सेहत खराब होती ही है, धार्मिक लिहाज से भी यह ठीक नहीं है। इसलिए आइये जानते हैं ज्येष्ठ 2025 में क्या न करें।
1.जेठ महीने में दिन में नहीं सोना चाहिए, ऐसा करने वाले व्यक्ति को तमाम तरह के रोग घेरते हैं। 2. ज्येष्ठ के महीने मसालेदार चीज का सेवन नहीं करना चाहिए और दिन में एक बार भोजन करने का प्रयास करना चाहिए।
3. लहसुन, राई के अलावा गर्म चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए, क्योंकि इस माह में सबसे अधिक गर्मी होती है। 4. इस माह में बैंगन का सेवन करने से बचना चाहिए। इसका सेवन करना संतान के लिए शुभ नहीं माना जाता है।
5. जेठ के महीने में कभी किसी प्यासे व्यक्ति को बगैर पानी पिलाए नहीं भेजना चाहिए। 6. हिंदू मान्यता के अनुसार जेठ के महीने में 3 ज्येष्ठ काम नहीं करते वर्ना इसके अशुभ फल मिलते हैं। इसलिए परिवार में बड़े पुत्र या फिर पुत्री का विवाह दूसरे पक्ष के बड़े पुत्र पुत्री से नहीं करना चाहिए।
7. ज्येष्ठ माह में गर्मी पड़ती है और शरीर में जल स्तर गिरने लगता है। इस माह जल का सही इस्तेमाल करना चाहिए और बेकार में जल का व्यर्थ करने से बचना चाहिए। ये भी पढ़ेंः Jyeshtha: ज्येष्ठ में जल का बड़ा महत्व, जानें इस महीने कौन सा काम करें और क्या न करें
4 मंगल यह काम दिलाता है मनचाहा फल (Jyeshtha Me Kya Hota Hai)
अजमेर की ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा के अनुसार शास्त्रों में ज्येष्ठ मास को सभी मास में शुभ माना गया है। ज्येष्ठ के स्वामी मंगल है और मंगल ग्रह को ज्योतिष शास्त्र में साहस का प्रतीक माना गया है। सभी नवग्रहों में मंगल को सेनापति का दर्जा प्राप्त है। ज्येष्ठ मास भगवान विष्णु का प्रिय मास है।
इस मास में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। भगवान विष्णु और उनके चरणों से निकलने वाली मां गंगा और पवनपुत्र हनुमान की पूजा का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है।
हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा मंगल या फिर बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है। ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले चार बड़ा मंगल की पूजा करने पर व्यक्ति को मनचाहा फल प्राप्त होता है।
ये भी पढ़ेंः Jyeshtha Month 2025: ज्येष्ठ महीने में पड़ेंगे शनि जयंती से लेकर वट सावित्री तक व्रत त्योहार, देखें लिस्ट जल का दान सबसे श्रेष्ठ, भगवान का मिलता है आशीर्वाद (Jyeshtha Me Kya Kare)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि ज्येष्ठ मास में सबसे ज्याद गर्मी पड़ती है। इस महीने में जल का दान पुण्यदान माना गया है। इस माह में न सिर्फ आम लोगों को बल्कि पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए जल उपलब्ध कराना चाहिए। इससे भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं। ज्येष्ठ मास में प्याऊ लगाना, नल लगवाना और पोखर, तलाबों का सरंक्षण करना विशेष फलदायी माना गया है।
ज्येष्ठ का महत्व (Jyeshtha Ka Mahatv)
ज्योतिषाचार्य नीतिका शर्मा ने बताया कि हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास का विशेष महत्व भी बताया गया है। माना जाता है कि इसी मास में गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इसी के कारण इस मास, में गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने के बाद दान करने से व्यक्ति को हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इसी महीने में भगवान राम अपने परम भक्त हनुमान जी से मिले थे। इसके साथ ही ज्येष्ठ महीने में ही भगवान शनिदेव का जन्म भी हुआ था।