मार्च में एक महीने के लिए शुभ काम पर लग जाएगी रोक, जानें इसकी डेट और वजह
Kharmas Start Date 2025: मार्च में बच्चे का मुंडन, नए मकान में गृह प्रवेश या किसी अन्य मांगलिक कार्य का प्लान कर रहे हैं तो ठहर जाइये, इसी महीने मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। ये रोक सरकारी नहीं है, दरअसल ऐसा समय शुरू होने वाला है जब शुभ काम नहीं करते तो आइये जानते हैं इसकी डेट और वजह (Malmas End Date) ..
Kharmas Start Date Time 2025: नए साल का पहला खरमास कब शुरू होगा
Malmas End Date: आप हिंदू धर्म मानने वाले हैं तो आपके लिए मार्च की एक डेट के बाद मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी, क्योंकि इस डेट से खरमास लग रहा है और खरमास खत्म होने तक कोई शुभ और नया काम नहीं कर पाएंगे। लेकिन यह समय आपके लिए पूजा अर्चना, जप तप ध्यान के लिए महत्वपूर्ण है। मान्यता है जितनी कठिनाई को पार कर इष्ट की प्रार्थना की जाती है, उतना ही अच्छा फल मिलता है। आइये जानते हैं मार्च में क्यों लगेगी शुभ काम पर रोक, कब से और इसकी वजह क्या है(Kharmas Start Date Time 2025)
खरमास में क्यों नहीं होते शुभ काम (Malmas Mein Kyon Nahin Hote Shubh Kam)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों के राजा सूर्य साल में दो बार गुरु की राशि धनु और मीन में भ्रमण करते हैं। इस समय को हिंदू धर्म में अशुभ माना जाता है और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार धनु और मीन राशि में सूर्य के भ्रमण के दौरान सूर्य का प्रभाव और शुभता मनुष्यों के लिए घट जाती है। साथ ही एक महीने तक यह स्थिति बनी रहती है और इस महीने को खरमास या मलमास के नाम से जाना जाता है।
इस अशुभ समय में हिंदू धर्म मानने वाले लोग शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस समय शुभ काम करने से सकारात्मक फल नहीं मिलते हैं। करीब 3 महीने पहले ही सूर्य धनु राशि में भ्रमण कर रहे थे। इसी कारण इस समय शादी विवाह समेत सबी मांगलिक कार्य बंद थे।
अभी कुछ महीनों पहले ही मांगलिक कार्यों की शुरुआत हुई है, इस बीच मार्च में सूर्य गुरु की दूसरी राशि में मीन में प्रवेश करेंगे और एक महीने तक इसी राशि में भ्रमण करेंगे। इससे मार्च में मलमास लग जाएगा और हिंदू धर्म मानने वालों के धार्मिक कार्य रूक जाएंगे। आइये जानते हैं कब से लगेगा साल का पहला खरमास 2025
पंचांग के अनुसार 14 मार्च को सूर्य गुरु की राशि मीन में प्रवेश करेंगे। इसी दिन मीन राशि में सूर्य गोचर यानी मीन संक्रांति से खरमास की शुरुआत होगी। इससे इसी दिन से सभी मांगलिक और नए कार्य पर रोक लग जाएगी।
हालांकि पूजा पाठ आदि कार्य लोग पूर्ववत कर सकते हैं। सभी संक्रांति की तरह मीन संक्रांति महापुण्यकाल में गंगा स्नान, दान पुण्य आदि का विशेष महत्व है। आइये जानते हैं कब है मीन संक्रांति का महापुण्यकाल और मीन संक्रांति का क्षण (Ganga Snan Muhurt) ..
मीन संक्रांति पुण्यकालः शुक्रवार, 14 मार्च 2025 को मीन संक्रांति पुण्य काल मुहूर्त यानी गंगा स्नान मुहूर्त: दोपहर 12:36 बजे से शाम 06:35 बजे अवधिः 05 घंटे 59 मिनट मीन संक्रांति महापुण्यकाल यानी गंगा स्नान मुहूर्तः शाम 04:35 बजे से शाम 06:35 बजे अवधिः 02 घंटे 00 मिनट मीन संक्रांति का क्षणः 06:59 बजे
ज्योतिषियों के अनुसार मीन संक्रांति विद्वान और शिक्षित लोगों के लिए अच्छी है। इस समय वस्तुओं की लागत सामान्य होगी। लेकिन यह लोगों में भय और चिंता ला सकती है। वैसे इस अवधि में लोगों को स्वास्थ्य लाभ होगा, राष्ट्रों के बीच संबंध मधुर होंगे और अनाज भण्डारण में वृद्धि होगी।
कौन से काम पर रोक (Karyon par rok)
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर काम शुभ समय में करना चाहिए। इससे उसकी सफलता की संभावना बढ़ जाती है, जबकि अशुभ समय पर किए जाने वाले काम में बाधा आती है और खरमास को अशुभ समय माना जाता है।
इसलिए इस समय कोई भी नया काम शुरू करने से परहेज करते हैं, विशेष रूप से इस समय मुंडन, उपनयन, शादी समेत सभी 16 संस्कार करने पर धार्मिक रोक है।इसके अलावा इस महीने में गृह प्रवेश, नया व्यापार शुरू करने, मकान-दुकान निर्माण की शुरुआत करने पर मनाही है।
कब खत्म होगा खरमास (Kharmas End Date)
सूर्य किसी भी राशि में एक महीने तक भ्रमण करते हैं, इसलिए नवग्रहों के राजा सूर्य 14 अप्रैल 2025 को फिर गोचर करेंगे। इस दिन सोमवार को सुबह 3.30 बजे मेष राशि में सूर्य गोचर यानी मेष संक्रांति (सूर्य गोचर की डेट राशि की संक्रांति के नाम से जानी जाती है) के साथ खरमास खत्म हो जाएगा।