क्राइम ब्रांच की उपायुक्त डॉ.लवीना सिन्हा ने बताया कि समन्वय पोर्टल के बैंक अकाउंट के विश्लेषण पर अहमदाबाद निवासी प्रणय भावसार के अकाउंट में 75 लाख की राशि जमा होने का खुलासा हुआ। जांच में अंतरराष्ट्रीय गिरोह की लिप्तता उजागर हुई।
इस गिरोह से जुड़े छह आरोपियों को अहमदाबाद, सूरत से पकड़ा। इनमें न्यू मणिनगर निवासी मनन गोस्वामी (23), वटवा निवासी आरिफ सैयद (30), ओढव निवासी राहुल यादव (29), वस्त्राल निवासी यश यादव (23), सूरत पूणा गांव निवासी गौतम उर्फ मार्को चौहान (22), सूरत कतारगाम निवासी चिराग उर्फ मनन ढोला (29) शामिल हैं।
मनन, आरिफ, गौतम, चिराग मुख्य आरोपी
उपायुक्त ने बताया कि गिरोह के मुख्य सरगना अहमदाबाद का मनन, आरिफ तथा सूरत का गौतम और चिराग ढोला हैं। ये गिरोह साइबर ठगी के लिए चाइना गिरोह को बैंक अकाउंट देते थे। इसके अलावा कंबोडिया के कॉल सेंटर में काम करने को व्यक्ति उपलब्ध कराने का काम करते थे। हर व्यक्ति 1300 डॉलर मिलते थे। प्रति अकाउंट 50 से 75 हजार मिलते थे।
विश्वास जीतकर ली अकाउंट किट, नेपाल में ठहराया
गिरोह के राहुल और आरिफ ने प्रणय भावसार को विश्वास में लिया। उससे कहा कि उनके दुबई लीगल फंड के पैसे आने वाले हैं। उसकी मदद चाहिए। प्रणय का यश और मनन से संपर्क कराया, जिसके बाद यश ने प्रणय से उसके जय अंबे गारमेंट आईसीआईसीआई बैंक के करंट अकाउंट की किट वॉट्सएप से प्राप्त कर ली। कंबोडिया में बैठे मनन को दी। मनन ने इसे नेपाल में बैठे गौतम को भेजा। उसने चाइना गिरोह सदस्यों से मिलकर प्रणय के बैंक अकाउंट का उपयोग कर 21 जनवरी को 43 लाख, 22 जनवरी को 5.85 लाख जमा कराए और फिर अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर लिए। इसकी जानकारी प्रणय को नहीं दी। उसे इन्होंने विमान से काठमांडू ले जाकर होटल में छह दिन ठहराया था। चिराग ने प्रणय की मंजूरी बिना उसके सिमकार्ड को उसके मोबाइल फोन में एक्टिव किया, उसके बैंक अकाउंट, ईमेल से अकाउंट एक्टिवेट कर कर पैसे जमा करा लिए। फिर ट्रांसफर कर लिए।