क्राइम ब्रांच के एसीपी भरत पटेल ने बताया कि इसके पासपोर्ट आवेदन की जांच में बताया कि वह जन्म से 1994 से भारत में रहती है। उत्तरप्रदेश का जन्म प्रमाण-पत्र है। इसने जिस सोसायटी में खुद को सालों से रहने वाला बताया था। नारोल में वह सोसायटी 2009 में बननी शुरू हुई थी, 2012 में पजेशन दिया गया था। पासपोर्ट में दिए गए मोबाइल नंबर की जांच करने पर सामने आया कि वह किसी अन्य व्यक्ति का था।
जांच में पता चला कि यह महिला बांग्लादेश की मूल निवासी है। यह वर्ष 2014 में मुंबई पहुंची, 2016 में अहमदाबाद आई। यहां नारोल के एक कारखाने में यूनुस नाम के व्यक्ति से संपर्क में आई। उसकी मदद से इसने फर्जी आधारकार्ड, उत्तरप्रदेश का जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया। 2017 से 2021 के दौरान छह बार गुजरात और महाराष्ट्र में पता बदला। नारोल का रेंट एग्रीमेंट बनवाकर, फर्जी आधारकार्ड व अन्य दस्तावेज से पासपोर्ट बनवा लिया।
क्राइम ब्रांच का दावा है कि नारोल पुलिस ने महिला के पासपोर्ट की नेगेटिव रिपोर्ट दी थी। भारतीय पासपोर्ट से यह सऊदी अरब गई,वहां नौकरी भी की। बांग्लादेश भी तीन से चार बार गई। परिजन बांग्लादेश रहते हैं।
पाकिस्तान से एक्टिव हुआ था ईमेल
पासपोर्ट आवेदन में जो ईमेल दिया था। वह ईमेल पहली बार पाकिस्तान में एक्टिव हुआ था। इतना ही नहीं इस पर कई सोशल मीडिया अकाउंट चल रहे हैं, वह बांग्लादेश से एक्टिव हुए थे।
16 मई तक रिमांड मंजूर
महिला के घर दी दबिश में बांग्लादेशी करेंसी, अन्य देशों में जाने का रेकॉर्ड मिला है। उ.प्र.का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मिला है, जिसकी जांच जारी है। कोर्ट महिला का 16 मई तक का रिमांड मंजूर किया है। इसने जुहापुरा निवासी व्यक्ति से विवाह किया है। इसके एक बालक भी है। पति भी अनजान था कि उसकी पत्नी मूल बांग्लादेशी है।
500 शंकास्पद भारतीय पासपोर्ट की जांच
क्राइम ब्रांच सूत्रों का कहना है 500 शंकास्पद भारतीय पासपोर्ट ध्यान में आए हैं। उन सभी की जांच की जा रही है। इस संबंध में चार और लोगों को हिरासत में लिया है।