केएसयू के महानिदेशक डॉ. एस पी सिंह ने बताया कि आज देश और दुनिया में नौकरी की कमी नहीं है। युवाओं के लिए अच्छे कॅरियर अवसर स्किल के क्षेत्र में हैं। अच्छे वेल्डर, फिटर, प्लम्बर के साथ-साथ हॉस्पिटलिटी सेक्टर में भी अच्छी मांग है। इसे देखते हुए केएसयू इन देशों में हुनर (कौशल) के लोगों की डिमांड के आधार पर इससे जुड़े शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म स्किल कोर्स शुरू करेगी। इसके लिए यूनिवर्सिटी संबंधित देशों की सोसाइटी और इंटरनेशनल स्तर पर कार्यरत एजेंसियों के साथ एमओयू करेगी, जिससे स्किल के सेक्टर में पैदा हो रहे कॅरियर अवसरों को भुनाया जा सके। उन्हें संबंधित देश की भाषा भी सिखाई जाएगी। जिस हुनर की जरूरत होगी उस हुनर की ट्रेनिंग दी जाएगी।
जर्मनी में हुनर का लोहा मनवाएंगे गुजरात में प्रशिक्षित छात्र
गुजरात में कौशल सीखने वाले 40 से ज्यादा छात्र जल्द ही जर्मनी में जाकर हुनर का लोहा मनवाएंगे। इन्हें जर्मनी की रिटेल कंपनी आरईडब्ल्यूई ने नौकरी भी दी है। इन 40 छात्रों को डॉक्टर स्किल कंपनी ने केएसयू के साथ मिलकर कुछ गुर सिखाए हैं। कंपनी के सीईओ सुधांशु जांगिड़ ने बताया कि जर्मनी व अन्य यूरोपीय देशों में रिटेल व हॉस्पिटलिटी सेक्टर में कुशल लोगों की भारी डिमांड है। ऐसे में वे केएसयू, गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च (जीआईडीसआर) व अन्य के साथ मिलकर स्किलिंग का कार्य कर रहे हैं। केएसयू के जरिए विद्यार्थियों को एप्टीट्यूट, एटीट्यूड, विहेवियर के गुर सिखाए हैं जिसमें 100 बच्चों को प्रशिक्षित किया है। इनमें से 40 जल्द ही जर्मनी जाएंगे।
एक वर्ष में तैयार होगा स्थायी परिसर
उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी की ओर से अलग-अलग निजी कंपनियों के साथ मिलकर उनकी मांग के अनुरूप बच्चों को हुनर सिखाने का कार्य जारी है। जल्द ही केएसयू का नया स्थायी परिसर शीलज में बनकर तैयार हो जाएगा। वहां सुविधाएं और पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित होने पर इसे जून 2026 से शुरू करने की योजना है।