300 लोग थे मौजूद
गेम ज़ोन में लगभग 300 लोग मौजूद थे, जिनमें से कई बच्चे थे। आग लगने के कारणों की जांच अभी भी जारी है, लेकिन अनुमान यह है कि शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी हो सकती है।गुजरात सरकार ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया। जांच टीम ने कई लोगों से पूछताछ की और विभिन्न दस्तावेज़ जब्त किए।
शवों की पहचान को डीएनए टेस्ट
आग में झुलसे कई शवों की पहचान करना मुश्किल था, इसलिए पुलिस ने डीएनए टेस्ट का सहारा लिया। इस टेस्ट के जरिए पता चला कि गेम ज़ोन के सह-मालिक प्रकाशचंद हिरण भी आग में मारे गए थे।गुजरात सरकार ने इस घटना के बाद राज्य भर के गेम ज़ोन में आग सुरक्षा उपायों की जांच के आदेश दिए। साथ ही, लाइसेंस रहित गेम ज़ोन को सील करने के निर्देश भी दिए गए।