पहलगाम हमले के बाद कोई जानकारी दी या नहीं उसकी जांच की जाएगी।गुजरात एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सिद्धार्थ कोरूकोंडा ने शनिवार को संवाददाताओं को बताया कि सहदेवसिंह गोहिल, कच्छ ज़िले की माता-ना-मढ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में संविदा पर बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्यकर्मी के रूप में दयापर-1 बीट में ठेके पर कार्यरत है।
वॉट्सएप पर हुआ संपर्क, 40 हजार नकद मिले
उन्होंने बताया कि जून 2023 में वॉट्सएप पर आदिति भारद्वाज ने गोहिल का संपर्क किया था। ऐसे लोगों के पास कई लोगों के नाम, नंबर व अन्य जानकारी होती है। वे मैसेज भेजकर संपर्क करते हैं, जो फंस जाते हैं उनसे जानकारी ऐंठते हैं। इसके तहत उसने शुरूआत में मीठी मीठी बातें की। गोहिल उसकी बातों में आ गया तो उसने खुद का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) एजेंट का परिचय दिया। उससे कच्छ में बीएसएफ, नौसेना व अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती, उनकी ऑफिस, घरों के नए, पुराने निर्माणस्थलों की तस्वीरें, वीडियो मांगी, जिसे गोहिल ने भेजा।
पाकिस्तान से संचालित हो रहे दोनों नंबर
एटीएस के तहत जनवरी 2025 में गोहिल ने अपने आधार कार्ड पर नया सिमकार्ड खरीदा और फरवरी में वॉट्सएप ओटीपी अदिति को भेजी। फिर इसी नंबर पर बीएसएफ, नौसेना की संवेदनशील, गोपनीय जानकारी भेजता था। इसके लिए इसे 40 हजार रुपए नकद भी बिचौलिए से मिले। जिन दो नंबरों से अदिति को जानकारी भेजता था वे दोनों पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे।
मोबाइल से मिले अहम सबूत
एटीएस एसपी ने बताया कि 1 मई को गोहिल को हिरासत में लेकर उसका मोबाइल फोन जब्त किया और जांच को एफएसएल में भेजा। उसमें से कई फोटो, वीडियो और सेना की गोपनीय जानकारी सीमा पार भेजे जाने के सबूत मिले। कुछ मैसेज डीलिट किए हैं, उन्हें रिकवर किया जा रहा है। इस पर उसे शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उसे शनिवार को कच्छ की दयापर कोर्ट में कर 14 दिन का रिमांड मांगा। कोर्ट ने 11 दिन का रिमांड मंजूर किया है।
2024 में पकड़े थे दो जासूस
एटीएस सूत्रों के तहत इससे पहले नवंबर 2024 में देवभूमि द्वारका ज़िले की ओखा तहसील निवासी दीपेश गोहिल को और अक्टूबर 2024 में पोरबंदर निवासी पंकज कोटिया को पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ा जा चुका है। ये दोनों भी पाकिस्तानी महिला एजेंटों के संपर्क में थे। जासूसी के लिए रुपए मिले थे।