दरअसल अजमेर के नजदीक किशनगढ़ में ज्यादातर रेड की गई है। वहां पर बड़ी संख्या में उर्वरक और खाद की फैक्ट्रियां हैं। ऐसे में जब कृषि मंत्री सामान्य रूप से जांच पड़ताल करने पहुंचे तो भांड़ा फूट गया। एक, दो, तीन… कई फैक्ट्रियों में जाकर उर्वरक जांच की। कुछ अंदेशा हुआ तो एक्सपर्ट्स को मौके पर बुलाकर उनसे भी जांच कराई। पता चला कि सारा माल ही नकली है। कट्टों में हजारों किलो माल भरा हुआ था सब जब्त किया गया।
तीन चार दिनों से लगातार चल रही छापेमारी के बाद अब तक 13 फैक्ट्रियां सीज कर दी गई है। उनमें से तीन के पास तो उर्वरक बेचने का लाईसेंस ही नहीं है। इन लोगों पर अब तक सात एफआईआर कराई गई है। बताया जा रहा है कि करीब तीस से ज्यादा फैक्ट्रियां निशाने पर थीं। उनमें से करीब 25 की जांच की गई। उनमें से 13 को सीज किया गया है। इन फैक्ट्रियों में बड़ी मात्रा में जिप्सम, एसएसपी, डीएपी, पोटाश जैसे उर्वरक नकली मिले हैं। इनमें ईंटों का चूरा, मार्बल डस्ट और अन्य मिलावट की गई है। जिन कट्टों को सील किया गया है वे बिहार, यूपी, हरियाणा लिखा हुआ है। माना जा रहा है कि इन राज्यों में भी नकली खाद सप्लाई की जाती थी।