scriptCBSE : परीक्षाओं में बेटों को पछाड़ रहीं हैं बेटियां, ये वजह बनी उनका हथियार | Ajmer CBSE Daughters are Beating Sons in Exams this is their Weapon | Patrika News
अजमेर

CBSE : परीक्षाओं में बेटों को पछाड़ रहीं हैं बेटियां, ये वजह बनी उनका हथियार

CBSE Exams : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षाओं में छात्रों की तुलना में छात्राओं का परिणाम श्रेष्ठ बना हुआ है। कमाल की बात है कि यह रिजल्ट लगातार बढ़ रहा है। उनकी प्रेरणा की वजह जानकर सोचने पर हो जाएंगे मजबूर।

अजमेरFeb 10, 2025 / 08:51 am

Sanjay Kumar Srivastava

Ajmer CBSE Daughters are Beating Sons in Exams this is their Weapon
रक्तिम तिवारी
CBSE Exams : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षाओं में छात्रों की तुलना में छात्राओं का परिणाम श्रेष्ठ बना हुआ है। बीते 25 साल से छात्रों की तुलना में छात्राओं का परिणाम प्रतिवर्ष 1 से 3 प्रतिशत बढ़ रहा है। कई जर्नल में प्रकाशित शोध और सर्वे कहते हैं कि इसके पीछे पारिवारिक और मनोवैज्ञानिक कारण ज्यादा हैं।

संबंधित खबरें

अपनी उपेक्षा को अपना हथियार बनाती हैं बेटियां

घर में सभी काम करने के बाद भी जब मां को कठघरे में खड़ा किया जाता है तो बेटियां इससे सबक लेती हैं और पढ़ाई पर फोकस करती हैं। वे अपनी मां से ही समय प्रबंधन सीखती हैं। उन्हें डर रहता है कि पढ़ाई के दौरान ही उनका कॅरियर सेट हो जाए वरना एक-दो साल में ही शादी कर दी जाएगी। छोटे-बड़े भाई की तुलना में माता-पिता द्वारा अपनी उपेक्षा को वे अपना हथियार बनाती हैं और रिजल्ट ओरिएंटेड पढ़ाई करती हैं। उनकी यही जिद उन्हें पढ़ाई लेकर कॅरियर तक लड़कों से आगे रखती है।

मेमोरी छात्रों की अपेक्षा जन्मजात होती है बेहतर

वहीं साइंस जर्नल में प्रकाशित कई शोध कहते हैं कि छात्राओं (फीमेल) में दो एक्स क्रोमोसाम पाए जाते हैं जो उन्हें धैर्य और संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं। उनकी मेमोरी छात्रों की अपेक्षा जन्मजात बेहतर होती है।
यह भी पढ़ें

कार्रवाई नहीं हुई तो 15 फरवरी से पूर्ण कार्य बहिष्कार का एलान, खफा राजस्थान के डाक्टरों ने चेताया

बेटियों की सफलता के पीछे केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाएं

इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारें बच्चियों की शिक्षा के लिए कई तरह की योजनाएं चलाकर स्कूलों और कॉलेजों में नामांकन बढ़ाने और स्कॉलरशिप देकर भी उन्हें पढ़ने को प्रेरित कर रही हैं।
यह भी पढ़ें

Rajasthan Illegal Mining : अवैध खनन से राजस्थान सरकार को 30 करोड़ की चपत, कोई कार्रवाई नहीं

क्या कहती हैं टॉपर…..

पूर्व सीबीएसई टॉपर प्रियांशी का कहना है कि पहले की तुलना में छात्राओं को पढ़ाई के अच्छे अवसर, स्कॉलरशिप मिल रही हैं। परीक्षा की योजनाबद्ध तैयारी, कोर्स का पूरा अध्ययन और नोट्स बनाकर पढ़ने से सफलता आसान हो जाती है।
यह भी पढ़ें

राजस्थान की सभी पैथ लैब के लिए नया अपडेट, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया बड़ा आदेश

लड़कियां स्वाभाविक प्रबंधन में बेहतर

लड़कियां स्वाभाविक प्रबंधन में बेहतर होती हैं। उनमें प्रतियोगिता, पढ़ाई अथवा कॅरियर को लेकर ललक रहती है। मोबाइल और चकाचौंध से लड़के प्रभावित होते हैं।
प्रो. महेंद्र जैन, मनोविज्ञान, एचओडी जेएलएन हॉस्पिटल अजमेर
CBSE Exams
बीते 25 साल से छात्रों की तुलना में छात्राओं का परिणाम प्रतिवर्ष 1 से 3 प्रतिशत बढ़ रहा है।

प्रतियोगी परीक्षाओं में भी धाक

प्रतियोगी परीक्षाओं में छात्राओं-युवतियों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है। आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती-2016 के साक्षात्कार में 1286 पुरुष और 462 महिला अभ्यर्थी शामिल हुईं। इसमें महिलाओं का चयन 37.9 प्रतिशत रहा था। वहीं, 2021 की भर्ती में 1480 पुरुष और 700 महिला अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिया। इनमें 47 फीसदी ने सफलता पाई।
यह भी पढ़ें

Banswara News : सरकारी कॉलेज प्रोफेसर्स के बैंक खाते में आया जनवरी का डबल वेतन, सन्न रह गया स्टॉफ, कैसे हुई चूक हर तरफ चर्चा

राजस्थान: पिछले 15 साल में परिणाम 99 फीसदी

1985 से 90 तक छात्रों का परिणाममें दबदबा था। 1991-92 में छात्रों के नतीजे 68 से 71 और छात्राओं के नतीजे 65 फीसदी तक पहुंच गए। 2000-01 में छात्राओं के 90 और छात्रों के 88 फीसदी तक नतीजे पहुंचे। पिछले 15 साल में छात्राओं के रिजल्ट 99% तक जबकि छात्र 96.5 फीसदी तक पहुंचे।

Hindi News / Ajmer / CBSE : परीक्षाओं में बेटों को पछाड़ रहीं हैं बेटियां, ये वजह बनी उनका हथियार

ट्रेंडिंग वीडियो