अपनी उपेक्षा को अपना हथियार बनाती हैं बेटियां
घर में सभी काम करने के बाद भी जब मां को कठघरे में खड़ा किया जाता है तो बेटियां इससे सबक लेती हैं और पढ़ाई पर फोकस करती हैं। वे अपनी मां से ही समय प्रबंधन सीखती हैं। उन्हें डर रहता है कि पढ़ाई के दौरान ही उनका कॅरियर सेट हो जाए वरना एक-दो साल में ही शादी कर दी जाएगी। छोटे-बड़े भाई की तुलना में माता-पिता द्वारा अपनी उपेक्षा को वे अपना हथियार बनाती हैं और रिजल्ट ओरिएंटेड पढ़ाई करती हैं। उनकी यही जिद उन्हें पढ़ाई लेकर कॅरियर तक लड़कों से आगे रखती है।मेमोरी छात्रों की अपेक्षा जन्मजात होती है बेहतर
वहीं साइंस जर्नल में प्रकाशित कई शोध कहते हैं कि छात्राओं (फीमेल) में दो एक्स क्रोमोसाम पाए जाते हैं जो उन्हें धैर्य और संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं। उनकी मेमोरी छात्रों की अपेक्षा जन्मजात बेहतर होती है।कार्रवाई नहीं हुई तो 15 फरवरी से पूर्ण कार्य बहिष्कार का एलान, खफा राजस्थान के डाक्टरों ने चेताया
बेटियों की सफलता के पीछे केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाएं
इसके अलावा केंद्र और राज्य सरकारें बच्चियों की शिक्षा के लिए कई तरह की योजनाएं चलाकर स्कूलों और कॉलेजों में नामांकन बढ़ाने और स्कॉलरशिप देकर भी उन्हें पढ़ने को प्रेरित कर रही हैं।Rajasthan Illegal Mining : अवैध खनन से राजस्थान सरकार को 30 करोड़ की चपत, कोई कार्रवाई नहीं
क्या कहती हैं टॉपर…..
पूर्व सीबीएसई टॉपर प्रियांशी का कहना है कि पहले की तुलना में छात्राओं को पढ़ाई के अच्छे अवसर, स्कॉलरशिप मिल रही हैं। परीक्षा की योजनाबद्ध तैयारी, कोर्स का पूरा अध्ययन और नोट्स बनाकर पढ़ने से सफलता आसान हो जाती है।राजस्थान की सभी पैथ लैब के लिए नया अपडेट, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया बड़ा आदेश
लड़कियां स्वाभाविक प्रबंधन में बेहतर
लड़कियां स्वाभाविक प्रबंधन में बेहतर होती हैं। उनमें प्रतियोगिता, पढ़ाई अथवा कॅरियर को लेकर ललक रहती है। मोबाइल और चकाचौंध से लड़के प्रभावित होते हैं।प्रो. महेंद्र जैन, मनोविज्ञान, एचओडी जेएलएन हॉस्पिटल अजमेर
![CBSE Exams](https://cms.patrika.com/wp-content/uploads/2025/02/CBSE.jpg?w=640)