अजमेर होटल अग्निकांड में चौंकाने वाला खुलासा, FIR में पीड़ित महिला रेहाना ने सुनाई आपबीती
Ajmer Hotel Fire Case: अजमेर में होटल नाज में हुई भीषण आग की घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। अब इस हादसे से जुड़ी FIR रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।
Ajmer Hotel Fire Case: राजस्थान के अजमेर में होटल नाज में हुई भीषण आग की घटना ने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया है। अब इस हादसे से जुड़ी FIR रिपोर्ट में ऐसे दर्दनाक और चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं, जिन्होंने प्रशासन और आमजन को झकझोर कर रख दिया है। घटना में अपने पति को गंवा चुकी दिल्ली निवासी रेहाना ने क्लॉक टावर थाना पुलिस में होटल प्रबंधन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई है।
बता दें, रेहाना की FIR न सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज है, बल्कि एक महिला की चीखती सच्चाई और असहाय पीड़ा की गवाही भी है।
क्या कहा रेहाना ने FIR में?
FIR में रेहाना ने बताया कि जब कमरे में धुएं से हमारा दम घुट रहा था तो हमने होटल नाज के कर्मचारियों से चिल्ला-चिल्लाकर मदद मांगी थी, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। मैं मदद के लिए चिल्लाती रही, वो होटल को बाहर से बंद करके वो भाग गए।
रेहाना के मुताबिक गुरुवार सुबह 3:30 बजे मैं अपने पति और डेढ़ साले के बेटे के साथ अजमेर जियारत के लिए आई थी। हम लोग डिग्गी चौक के पास स्थित होटल नाज की चौथी मंजिल पर स्थित कमरा नंबर 203 में रुके थे। होटल में जब हम अंदर घुसे तब जगह-जगह लाइट के तार लटक रहे थे। फायर इक्विपमेंट भी वहां नहीं लगे थे, कमरे में जाकर हम सभी हो गए।
महिला ने बताया कि सुबह करीब बजे हमें काफी शोर सुनाई दिया, कमरे में धुआं आने लगा, जिसकी वजह से सभी की नींद खुल गई। हमने दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वो नहीं खुला, कुछ ही देर में पूरे कमरे में धुआं ही धुआं हो गया। मेरे पति ने खिड़की पर लगे कांच को तोड़ दिया, सबसे पहले बिस्तर और चादरें नीचे फेंकी। चिल्लाकर मदद मांगी, ताकि नीचे खड़े लोग उस बिस्तर को पकड़ ले और वे उसमें कूद जाएं।
आगे बताया कि हमने अपने बेटे को बचाने के लिए उसे बिस्तर में लपेटा और नीचे गिरा दिया, लेकिन उसके सिर में गंभीर चोट आ गई, इसके बाद पति भी खुद को बचाने के लिए कूदा, मगर वो तारों में उलझकर सिर के बल नीचे गिरा, जिसकी वजह से मौके पर ही उसकी मौत हो गई।
FIR में आरोप होटल प्रबंधन पर आरोप
रेहाना ने होटल स्टाफ और प्रबंधन पर घोर लापरवाही और अमानवीयता का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब होटल कर्मचारी दरवाजे की कुंडी बाहर से लगाकर भाग गए, किसी भी जायरीन की मदद नहीं की। बता दें, इस भीषण अग्निकांड में अब तक चार जायरीनों की मौत हो चुकी है और कई घायल हुए हैं। होटल में अग्निशमन व्यवस्था पूरी तरह नदारद थी, जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान हुआ।
यहां देखें वीडियो-
मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
इस घटना पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लेते हुए कड़ा रुख अपनाया है। आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी.आर. मूलचंदानी ने न केवल इस घटना को बेहद दुखद बताया, बल्कि अजमेर शहर में अवैध होटलों और गेस्ट हाउस के संचालन पर भी गंभीर चिंता जताई है।
आयोग ने कहा कि सैकड़ों भवन बिना अधिकृत स्वीकृति के बनाए गए हैं। उर्स जैसे आयोजनों में बिना अग्निशमन विभाग की अनापत्ति के होटल चलाए जाते हैं। यह एक भयावह लापरवाही है। आयोग ने अजमेर कलेक्टर, एसपी और नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि वे घटना की तथ्यात्मक रिपोर्ट और शहर के सभी होटलों की सुरक्षा स्थिति की विस्तृत जानकारी 26 मई को आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।
वहीं, क्लॉक टावर थाना पुलिस ने होटल नाज के मालिक और प्रबंधन स्टाफ के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है।