ये गतिविधियां की गई
कैंपन के तहत आमजन व स्कूली बच्चों में खाद्य पदार्थों के सेवन व रखरखाव के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। साथ ही प्रशिक्षण के बाद स्कूलों का प्रमाणीकरण कर ईट राइट स्कूल का सर्टिफिकेट दिया जाता है।इसके अलावा मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारा में खाद्य सामग्री के रखरखाव व साफ-सफाई व्यवस्था की जांच कर एजेंसी के माध्यम से उन्हें प्रशिक्षण दिलाया जाता है। इसके बाद इन संस्थाओं को ईट राइट भोग का सर्टिफिकेट जारी किया जाता है। इसके अलावा जिले में खाद्य व्यापारियों को जागरुक करते हुए उनके खाद्य लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए 26 कैंप अलवर जिले में आयोजित किए गए।
गत वर्ष 13 स्कूलों का हुआ था प्रमाणीकरण
कैंपेन के तहत पिछले साल जिले के 13 स्कूलों को ईट राइट स्कूल सर्टिफिकेट दिया गया था। जबकि इस साल 2 स्कूलों के प्रमाणीकरण का लक्ष्य है। मनुमार्ग व खंडेलवाल धर्मशाला के सामने स्थित गुरुद्वारे को भी ईट राइट भोग का सर्टिफिकेट मिल चुका है। साथ ही क्यूआरजी फाउंडेशन, हैवल्स कंपनी की कैंटीन, होटल लैक पैलेस सिलीसेढ़ और अन्नपूर्णा रसोई बस स्टैंड सहित 5 संस्थाओं को ईट राइट कैंपस का सर्टिफिकेट दिया गया।जबकि इस साल के लिए एक संस्था को ईट राइट कैंपस के प्रमाणीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जबकि मिनी सचिवालय में संचालित राजीविका की कैंटीन की कैंपेन के तहत प्री ऑडिट हो चुकी है। अब पोस्ट ऑडिट के आगे प्रमाणीकरण की प्रक्रिया होगी।
यह है मुख्य उद्देश्य
भोजन को सुरक्षित तरीके से संग्रहित करना और तैयार करना।खाद्य सामग्री में मिलावट को रोकना।
स्वस्थ आहार के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
फोर्स कोर्स पोर्टल पर व 181 पोर्टल पर प्राप्त शिकायत हो तो का समय पर निस्तारण करना
खाद्य लाइसेंस इन रजिस्ट्रेशन का समय पर बनाकर व्यापारी को देना