नहरों से नहीं आया पानी, यह भी जलसंकट का कारण
85 वर्षीय विशम्भर मोदी ने कहा है कि राजस्थान पत्रिका ने नहरों की मरम्मत व अतिक्रमण हटाने को लेकर अभियान 9 माह पहले चलाया था। इसके बाद नहरों की मरम्मत का प्रस्ताव प्रदेश सरकार को भेजा गया, जो मंजूर नहीं हुआ। सिलीसेढ़ से अलवर आने वाली दो नहरें ऊपरी स्तर व निचली स्तर जीवन रेखा हैं। अलवर के सभी कुएं सूखे हुए हैं। जयसमंद बांध में पानी नहीं है। ये नहरें शहर की प्रतिदिन की जल की घरेलू आवश्यकता (पेयजल को छोड़कर) जैसे स्नान, पेड़-पौधों को पानी देना, बगीचे की सिंचाई, फल-सब्जी की फसलों को सिंचित करती थी।बारिश से पहले नहरों की मरम्मत हो
कई वर्षों से इन नहरों पर अतिक्रमण और तोड़फोड़ के कारण शहर को जलसंकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। इससे अलवर की पेयजल समस्या भी बढ़ी। कहा कि आप सभी अलवर की उन्नति और विकास के सफल सारथी हैं। ऐसे में जल संसाधन खंड को काम करने के लिए कहा जाए, ताकि बारिश से पहले नहरों की मरम्मत हो सके। आज की पीढ़ी इस कार्य के लिए आपके प्रयास की सराहना करेगी।यह भी पढ़ें:
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