विशिष्ट लोक अभियोजक प्रशान्त यादव ने बताया कि पीड़िता की मां ने टपूकड़ा थाने में अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। मामले में तत्कालीन थानाधिकारी भगवान सहाय द्वारा गहन एवं विस्तृत अनुसंधान के बाद आरोपी के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया था।
पीड़िता की मां ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसका पति उसकी नाबालिग बेटी के खाने में नशे की दवा मिलाकर बलात्कार करता है। इतना ही नहीं मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी भी देता है। जान से मारने की धमकी देकर बेटी के साथ कई बार बलात्कार करता रहा है।
दोष सिद्ध होने पर सुनाई सजा
अदालत में अभियोजन पक्ष की तरफ से 14 गवाहों को परीक्षित करने के साथ ही 20 दस्तावेजों को प्रदर्शित करवाया गया, जिनके आधार पर आरोपी पिता के खिलाफ दोष सिद्ध होने पर उसे पॉक्सो अधिनियम के तहत सजा सुनाई गई है।