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अलवर

लीड…. स्कूल की जमीन पर जलदाय विभाग के ट्यूबवेल, फिर भी छात्रावास व कन्या कॉलेज निजी टैंकरों पर आश्रित

स्कूल, बालिका छात्रावास व कन्या कॉलेज को प्रति टैंकर खर्च करने पड़ रहे 400 रुपए

– स्वयं की जमीन पर जल स्रोत होने के बावजूद सूख रहे कंठ

अलवरMay 04, 2025 / 08:19 pm

Ramkaran Katariya

प्रतापगढ़. तहसील मुख्यालय के अलवर रोड पर कस्बे से दो किमी दूर राउमावि, राजकीय कन्या कॉलेज व बालिका छात्रावास की छात्राएं पीने के पानी के लिए 400 रुपए प्रति टैंकर से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं, जबकि स्कूल की जमीन पर जलदाय विभाग ने क्षेत्र की पेयजल आपूर्ति के लिए तीन नए ट्यूबबेल लगा रखे हैं। आरोप है कि जलदाय विभाग से बार-बार मांग करने के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। हालांकि पूर्व में स्कूल में छात्रों के लिए स्कूल प्रशासन का बोरवेल था, लेकिन घटते जलस्तर के कारण वह सूख गया।
प्रतापगढ़ प्रधानाचार्य ने बताया कि इस मामले में विभाग के उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका हैं। विद्यालय के कई आयोजनों में भामाशाह, समाजसेवियों, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों को भी विद्यालय समिति की ओर से अवगत कराया जा चुका, लेकिन समाधान नहीं हो पाया।
आजादी से पहले का विद्यालय व खेल मैदान

ग्रामीणों के अनुसार आजादी से पूर्व गांव के जमीदार बाईसीवाला परिवार ने क्षेत्र के छात्रों को अच्छी शिक्षा का वातावरण देने के लिए 35 बीघा जमीन में खेल मैदान व आवश्यक विद्यालय भवन बनवाने के लिए दान दी थी। उस वक्त विद्यालय के लिए आवश्यक कुछ कमरों का भी निर्माण करवाया गया था। इसलिए आज भी विद्यालय का नाम बाईसीवाला राउमावि है। हालांकि सरकार की ओर से समय-समय पर विद्यालय भवन निर्माण व विकास कार्यों के लिए राशि मिलती रही हैं।
चार साल से 400 रुपए प्रति टैंकर पानी पर निर्भर

विद्यालय व बालिका छात्रावास में कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए पूर्व में एक बोरिंग का उपयोग होता था, लेकिन 2021 में यह घटते जलस्तर के कारण सूख गया। अनेक बार जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण कराने के बाद विद्यालय में प्रधान कोटे से 2022 में एक नया ट्यूबवेल लगाया, लेकिन उसमें भी पानी नहीं आया। वर्तमान में विद्यालय में प्रतिदिन छात्रों के लिए 400 रुपए प्रति टैंकर पर पानी मंगाना पड़ रहा है। शुरुआत में यहां उच्च माध्यमिक विद्यालय खोला गया। बाद में स्थानीय लोगों की मांग व विधायक की अनुशंसा पर कक्षा 9 से 12वीं तक बालिका छात्रावास इसी जमीन पर बनाया गया। क्षेत्र में बालिका शिक्षा को मजबूत बनाने के उद्देश्य से कन्या महाविद्यालय का संचालन भी शुरू हुआ। हालांकि महाविद्यालय वर्तमान में स्कूल भवन में ही संचालित है और महाविद्यालय का भवन इसी स्कूल में दान की गई जमीन पर निर्माणाधीन है।
कस्बे में कर रहे पेयजल आपूर्ति

जलदाय विभाग बन्धेवाले बालाजी चारागाह में पांच ट्यूबवेल से कस्बे में पेयजल आपूर्ति कर रहा था, लेकिन 2022 में ट्यूबवेलों में पानी सूखने से पेयजल संकट खड़ा हो गया। उसी दौरान जल जीवन मिशन योजना की राशि से जलदाय विभाग ने स्कूल की जमीन पर तीन नए ट्यूबवेल लगाने की शिक्षा विभाग से अनुमति मांगी। एक शिक्षक ने बताया कि उस समय जलदाय विभाग ने विद्यालय को दो नए नल कनेक्शन देने की बात कही थी। आरोप है कि अब विभाग राइजिंग लाइन से विद्यालय को पानी देने से आनाकानी कर रहा है, जबकि इस राइजिंग लाइन में सैकड़ों फर्जी कनेक्शन हैं। फिर भी स्कूली छात्र पेयजल के लिए निजी टैंकर के भरोसे हैं।
कराता रहा हूं अवगत

मैं बहुत समय से शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को विद्यालय में पेयजल संकट के बारे में अवगत कराता रहा हूं। विद्यालय की जमीन पर जलदाय विभाग के पेयजल आपूर्ति के लिए लगे ट्यूबवेल से दो नल कनेक्शन की मांग की जा रही है, लेकिन कही से आशा की किरण नहीं दिख रही।
रामवतार वर्मा, प्रधानाचार्य, राउमावि, प्रतापगढ़।

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कनेक्शन कराने की पूर्ण कोशिश करूंगा

मैंने गत महीने ही प्रतापगढ़ सहायक अभियंता के पद पर ज्वॉइन किया है। अगर बात छात्रों के पीने के पानी की उपलब्धता की हैं तो मैं उच्चाधिकारियों से बात कर विद्यालय को कनेक्शन उपलब्ध कराने की पूर्ण कोशिश करूंगा।
मोहरपाल सिंह, सहायक अभियंता पीएचईडी, प्रतापगढ़।

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