पांच हजार से अधिक के टेंडर
भरतपुर से आने वाले पानी के लिए 5,372 करोड़ रुपए के टेंडर हो चुके हैं। 2 व 3 जून को निविदा प्राप्त होगी। जांच होने के बाद इसका कार्य अक्टूबर महीने में शुरू होने की संभावना है। इस काम पूरा करने के लिए विभाग ने 3 साल का समय दिया है। वहीं, खुर्रा-चैनपुरा (करौली) से पानी दूरी तय करके नहर के जरिए 9 ब्लॉकों में मिलेगा।नहर और टनल के जरिए पहुंचेगा पानी
परियोजना का पानी कई रास्तों से होकर आएगा। इसमें सबसे ज्यादा समस्या पहाड़ी इलाकों में हैं। जहां पर नहर के जरिए पानी लाना आसान नहीं है, इसके लिए विभाग टनल के जरिए पानी लाएगा। बताया जा रहा है कि जहां-जहां पहाडी नहर के लिए अवरोध बन रही हैं। वहां पर टनल के लिए खाका तैयार किया जा रहा है। नहर का निर्माण होने के बाद इसमें पानी छोड़कर जांचा जाएगा।7 ब्लॉकों के गांव होंगे लाभान्वित
भरतपुर के जरिए चंबल के पानी से अलवर के सात ब्लॉक बहरोड़, किशनगढ़बास, कोटकासिम, मुंडावर, नीमराणा, रामगढ़, तिजारा के 882 शहरी और ग्रामीण इलाकें के गांव लाभांवित होंगे। चंबल नहर के जरिए केवल पीने का पानी आएगा। चैनपुरा से नहर के पानी का उपयोग पीने और खेती के लिए हो सकेगा। गांवों में टंकियों के निर्माण सहित विभाग कई तैयारियों में जुटा हुआ है।फैक्ट फाइल
अलवर से खुर्रा- चैनपुरा (करौली) की दूरी 150 किलोमीटरधमरेड़ बांध से नटनी के बारां तक 45 से 50 किलोमीटर
नटनी के बारां से जयसमंद बांध 12 किलोमीटर
नटनी के बारां से लेकर रूपारेल सहित घाट बांध 40 किलोमीटर
चंबल परियोजना(भरतपुर) की दूरी 200
चंबल परियोजना के जरिए अलवर के गांवों का फायदा 882