ऐसे करते हैं तापमान मैनेज
स्ट्रॉबेरी पौधों को पॉली हाउस की तर्ज पर कवर किया जाता है। इससे दिन और रात का तापमान पौधों के लिए अनुकूल रहता है।Rajasthan News : हाईकोर्ट में आज का दिन बेहद अहम, रामगढ़ बांध सहित कई मामलों की होगी सुनवाई
एक किलो के मिले 400 रुपए, कम पानी में अच्छी पैदावार
जिले में पानी की बढ़ती समस्या को लेकर किसानों का आधुनिक खेती के तरफ रूझान बढ़ा है। सब्जी और उद्यान वाली फसलों में पानी की कम खपत होती है और पैदावार अच्छी मिलती है। इसी कारण स्ट्रॉबेरी किसान कम पानी और कम जमीन में अच्छा मुनाफा लेने में जुटे हुए हैं। किसानों ने स्ट्रॉबेरी की विंटर डाउन किस्म लगाई है। किशनगढ़बास के किसान जितेन्द्र यादव ने बताया कि फसल पकी चुकी है और एक किलो के 400 रुपए मिल रहे हैं। सामान्य फसल की बजाय अच्छी रकम मिली है।Weather Update : मौसम विभाग का Prediction, आज राजस्थान के 5 संभाग में होगी बारिश, जानें कल कैसा रहेगा मौसम
20 हजार रुपए की आई लागत
हमने 10 बिस्वा में 2000 से ज्यादा स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए हैं। इसमें करीब 20 हजार रुपए की लागत आई है। फसल आने वाले दिनों में फसल पक जाएगी और बाजार में बेची जाएगी। वर्तमान में एक किलो स्ट्रॉबेरी के 400 रुपए मिल रहे हैं।हरि सिंह सांखला, किशनगढ़बास।
Railway News : रेलवे की सुविधा, जयपुर से गुरुवार को चलेगी महाकुंभ मेला स्पेशल ट्रेन
बूंद-बूंद पद्धति से हो रही है सिंचाई
स्ट्रॉबेरी के एक बीघा में पौधे लगाए हैं, जिसमें जल्द फसल पकने वाली है। इसके साथ अन्य नकदी फसलों को लगाया है। इसमें पानी की खपत भी नाममात्र की होती है। इसमें सिंचाई बूंद-बूंद पद्धति से हो रही है।श्याम शर्मा, किशोरी गांव, थानागाजी
शव को महज एक घंटे में चूहे कुतर गए, राजस्थान के इस जिले के अस्पताल की बड़ी लापरवाही
एक किसान ने लगाए 2000 पौधे
इब्दिता के राजेश अग्रवाल ने बताया कि स्ट्रॉबेरी के 11 किसानों ने दो-दो हजार पौधे लगाए हैं। एक पौधे से करीब एक किलो से ज्यादा फल प्राप्त होते हैं। एक बीघा में एक टन तक की पैदावार हो सकती है। इसमें किसानों को लागत भी लगानी पड़ती है।राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं के साथ बड़ा छलावा, अरबों वसूले, जानें कैसे
किसानों की अच्छी पहल – संयुक्त निदेशक
अलवर में स्ट्रॉबेरी की खेती में किसानों ने नवाचार किया है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों से ट्रायल लिया जाएगा। उसके बाद इस खेती के लिए रिकमेंडेशन की जा सकती है। यह किसानों की अच्छी पहल है।पीसी मीणा, संयुक्त निदेशक, कृषि विभाग, अलवर