केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने देखा छात्रा पर हमला करते श्वानों का वीडियो, बोले-डराने वाली घटना; जल्द निकालेंगे हल
Alwar News: अलवर शहर की जेके नगर कॉलोनी में कॉलेज छात्रा नव्या अग्रवाल पर श्वानों के हमले का मामला गरमा रहा है। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी कहा कि यह दर्दनाक और डराने वाली घटना है।
Alwar News: अलवर शहर की जेके नगर कॉलोनी में कॉलेज छात्रा नव्या अग्रवाल पर श्वानों के हमले का मामला गरमा रहा है। शहर के कई अन्य इलाकों के लोगों ने भी श्वानों की आतंक की शिकायत की है। इस बीच भाजपा कार्यालय पर प्रबुद्धजन सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव को नव्या के पिता मिट्ठन लाल व निवर्तमान पार्षद हेतराम यादव ने वह वीडियो दिखाया, जिसमें आठ श्वान नव्या पर हमला करते नजर आ रहे हैं।
वीडियो देख मंत्री यादव ने कहा कि यह दर्दनाक और डराने वाली घटना है। जल्द इसका हल निकालेंगे। स्कीम नंबर दो के भी कुछ लोगों ने वन मंत्री को श्वानों के आतंक के बारे में बताया और कहा कि हमारी कॉलोनी में भी आए-दिन श्वान लोगों पर हमला कर रहे हैं।
पिछले साल श्वान के हमलों में जख्मी हुए 10 हजार 412 लोग
जिला अस्पताल का रिकॉर्ड यह बताता है कि शहर में श्वानों का आतंक किस स्तर तक पहुंच चुका है। इस रिकॉर्ड के मुताबिक शहर में इस साल अभी तक 3 हजार से अधिक लोग डॉग बाइट के शिकार हो चुके हैं। जनवरी में लावारिस श्वानों के हमले में 1500 और फरवरी में 1202 लोग जमी हुए।
फरवरी में 1500 से अधिक लोग डॉग बाइट के इंजेक्शन लगवाने पहुंचे। फरवरी में डॉग बाइट के कुल मामलों में 868 पुरुष व 334 महिलाएं शामिल हैं। पिछले साल 10 हजार 412 लोग श्वान के हमलों के शिकार हुए। इनमें 7440 पुरुष और 2972 महिलाएं शामिल हैं। यह सिर्फ जिला अस्पताल का रिकॉर्ड है। श्वानों के हमले में घायल होकर निजी अस्पतालों में न जाने कितने लोग उपचार कराने जाते होंगे।
सरकार के आदेश के बाद भी श्वानों का टीकाकरण नहीं
प्रदेश सरकार ने एक साल पहले श्वानों के हमलों को रोकने के लिए निर्देश जारी किए थे। हिंसक श्वानों की पहचान कर उनका टीकाकरण करवाना था, लेकिन इस दिशा में नगर निगम ने कुछ नहीं किया। ऐसा होता तो डॉग बाइट की घटनाएं काफी हद तक थम सकती थीं। नगर निगम को आवारा श्वानों को पकड़कर पशु चिकित्सालय ले जाना चाहिए और वहीं पर उनकी नसबंदी व टीकाकरण होना चाहिए, लेकिन निगम अब तक ऐसा नहीं कर पाया।
पशु चिकित्सकों का कहना है कि पालतू श्वानों का ही टीकाकरण हो रहा है। निगम की ओर से केस नहीं आ रहे हैं। सरकार ने निर्देश दिए थे कि हिंसक श्वानों की पहचान कर टीकाकरण कराएं। कॉलेज, स्कूलों और अस्पतालों के आसपास विशेष अभियान चलाया जाए। पालतू श्वानों के लिए अनिवार्य टीकाकरण हो। पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाए। इस पूरी कवायद में गैर-सरकारी संगठनों का सहयोग लिया जाए।