वर्ष 2016 में पीएसीएल नामक चिटफंड कंपनी (Chit fund company) खोलकर लोगों को रकम दोगुना करने का झांसा देकर निवेश कराया गया था। लेकिन निवेश की मेच्योरिटी अवधि पूरी होने के बाद लोगों की रकम दोगुना नहीं हुई। इस पर ग्राम केतका निवासी कमल सिंह केराम व ग्राम गंगोटी निवासी रनमेत बाई ने सूरजपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
दोनों ही मामले में धारा 420, 120बी, 4, 5, 6 इनामी चिट और धन परिचालन अधिनियम 1978 तथा छग निक्षेपकों के हितों की संरक्षण अधिनियम 2005 की धारा 10 के तहत अपराध दर्ज (Chit fund company) कर कंपनी के डायरेक्टर निर्मल सिंह भंगू, त्रिलोचन सिंह, सुखदेव सिंह व जोगेन्दर टाइगर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस मामले में अन्य आरोपी फरार थे जिनकी तलाश जारी थी।
दिल्ली से 2 और डायरेक्टर गिरफ्तार
खोजबीन के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि कंपनी के 2 और डायरेक्टर दिल्ली में हैं। इस पर टीम ने वहां दबिश देकर दो आरोपी सुब्रत भट्टाचार्य पिता स्व. बिरेश्वर उम्र 64 वर्ष निवासी गुरुग्राम हरियाणा तथा गुरमीत पिता स्व. कुलवंत सिंह उम्र 60 वर्ष निवासी प्रीतमपुरा थाना मौर्या इनक्लेव दिल्ली नॉर्थ वेस्ट को गिरफ्तार कर लिया।
इस कार्रवाई (Chit fund company) में थाना प्रभारी सूरजपुर विमलेश दुबे, एसआई गंगासाय पैंकरा, एएसआई संजय सिंह, मनोज द्धिवेदी, नंदलाल सिंह, आरक्षक राजेश्वर सिंह व रविराज पांडेय सक्रिय रहे।
Chit fund company: राशि डबल करने का देते थे झांसा
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे पीएसीएल कंपनी के डायरेक्टर थे और अन्य डायरेक्टरों के साथ मिलकर निवेशकों को राशि को डबल करने का झांसा देते थे। आरोपियों ने बताया कि सूरजपुर जिले के बड़ी संख्या में निवेशकों को झांसा देकर करोड़ों रुपए निवेश कराकर धोखाधड़ी (Chit fund company) की हैं।