
11 साल बाद पिता को वापस दिलाई नौकरी
अनूपपुर जिले के जमुना कॉलरी के रहने वाले आरक्षक मिथिलेश पांडे 11 साल पहले साल 2013 में उमरिया थाने में पदस्थ थे तब आरक्षक मिथिलेश पांडे को आय से अधिक संपत्ति के आरोप में पुलिस विभाग ने सेवा से हटा दिया था। लगातार प्रयासों और अधिकारियों से गुहार के बाद भी जब कोई राहत नहीं मिली तब उन्होंने दिसंबर 2013 में जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। मामला वर्षों तक अदालत में चलता रहा। इस बीच उनके बेटे ने अभिषेक पांडे ने कानून की पढ़ाई पूरी की और 2024 में जबलपुर हाईकोर्ट में वकालत की शुरुआत की।
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वकील बन लड़ा पिता का केस
सबसे पहला केस उन्होंने अपने पिता का ही लिया और पूरी तैयारी के साथ न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की बेंच के समक्ष बहस की। अभिषेक की ठोस पैरवी के बाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि मिथिलेश पांडे को पुन: सेवा में बहाल किया जाए। आदेश के पालन में अनूपपुर पुलिस अधीक्षक ने उन्हें दोबारा सेवा में लिया और 5 अप्रेल को पांडे ने अनूपपुर में अपनी उपस्थित दर्ज कराई। 11 साल बाद घर में लौटे न्याय और नौकरी की इस जीत से पांडे परिवार में खुशी का माहौल है।