रजिस्ट्री पर फर्जीवाड़ा रोकने सरकार ने जिस पोर्टल को लॉन्च किया, उसी से हो गया बड़ा फ्रॉड
Sampada 2.0 : फर्जी रजिस्ट्री मामला: जिस संपदा 2.0 को लेकर किया जा रहा था फर्जीवाड़ा रोकने का दावा, उसी में सुराख ढूंढकर जालसाजों ने कर दिया बड़ा फर्जीवाड़ा। अमेरिका में रह रहा व्यक्ति, उसे पता तक नहीं जिले में फर्जी तरीके से बिक गई उसकी 41 बीघा जमीन।
Sampada 2.0 : जिस संपदा 2.0 पोर्टल को शुरू कर रजिस्ट्री में फर्जीवाड़ा रोकने का शासन का दावा था, उसी पोर्टल में सुराख ढूंढकर फर्जीवाड़ा हो गया। स्थिति ये है कि, जो व्यक्ति अमेरिका में रह रहा है और वर्षों से देश में ही नहीं आया, उसकी जिले में 41 बीघा जमीन को फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराकर बेच दिया गया है। मध्य प्रदेश के अशोकगर जिले में ये अजीबो गरीब मामला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।
मामला जिले की पिपरई तहसील के सागर अथाई गांव का है। जहां गुजरात के बड़ोदरा जिले के गोरियाद में रहने वाले मूलजी भाई गुजराती पिता रणछोड़ भाई पटेल की सर्वे नंबर 218/4/1 की रकबा 8.621 हेक्टेयर (करीब सवा 41 बीघा) जमीन है। मंगलवार को गांव के चंद्रपाल, बृजेंद्रसिंह, संग्रामसिंह और कड़ोरीलाल ने कलेक्टर और जिला रजिस्ट्रार से शिकायत की है कि, मूलजीभाई गुजराती अमेरिका में रह रहा है और वर्षों से देश में नहीं आया, लेकिन किसी ने फर्जी मूलजी भाई गुजराती बनकर इस 8.621 हेक्टेयर भूमि की 23 अप्रैल 2025 को अशोकनगर की खालसा कॉलोनी निवासी नीतू पिता रामनरेश यादव को रजिस्ट्री कर 28 लाख 6 हजार 998 रुपए में बेच दिया।
विक्रेता की उम्र, फोटो और पता भी अलग, फिर भी हो गई रजिस्ट्री
शिकायतकर्ताओं ने शिकायत के साथ मूलजीभाई गुजराती की पावर ऑफ अटॉर्नी भी अधिकारियों को दी है। 11 दिसंबर 2003 को मूलजीभाई गुजराती ने गुजरात के बड़ोदरा जिले के गोरियाद में रहने वाले विनोद कुमार दयाभाई के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी की थी, जिसमें मूलजीभाई गुजराती की उम्र उस समय 56 वर्ष दर्ज है, जो अब 78 वर्ष उम्र का है। साथ ही, पावर ऑफ अटॉर्नी में फोटो भी लगा है। लेकिन, 23 अप्रैल 2025 को जिस मूलजीभाई गुजराती के नाम से रजिस्ट्री की गई, उसकी उम्र 50 साल है और फोटो भी अलग है। साथ ही पता भी अशोकनगर ही लिखा है।
शिकायतकर्ता बोले 1984 में हमें बेची थी जमीन, आने का कर रहे इंतजार
सागरअथाई गांव के शिकायकर्ता चंद्रपालसिंह, बृजेंद्रसिंह, संग्रामसिंह व कड़ोरीलाल का कहना है कि, मूलजीभाई गुजराती ने ये जमीन साल 1984 में हमें बेची थी, जिसमें तीन लोगों ने 10-10 बीघा और एक ने पांच बीघा जमीन खरीदी थी और 6 बीघा जमीन गांव के मंदिर के लिए खरीदी गई थी। लेकिन, हम लोग रजिस्ट्री कराने मूलजीभाई गुजराती और विनोदकुमार दयाभाई पटेल का अमेरिका से लौटने का इंतजार ही करते रह गए और यहां पर उस जमीन पर किसी ने फर्जी रजिस्ट्री भी करा ली।
-जिला रजिस्ट्रार के मुताबिक, 1 अप्रैल से रजिस्ट्री का संपदा 2.0 पोर्टल शुरू हुआ है, जिसे लेरक दावा है कि, इसके तहत रजिस्ट्री में कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा।
-रजिस्ट्री में विक्रेता का सिर्फ आधार नंबर लिया जाता है और उसके थंब को यूआइडी की साइट से वेरीफाई करते हैं। वेरिफिकेशन होने के बाद ही रजिस्ट्री होती है। -जिला रजिस्ट्रार का कहना है कि अगर ऐसा हुआ तो लगता है विक्रेता ने पहले ही उस नाम से आधार बनवाया और खुद को यूआइडी में रजिस्टर्ड करा लिया होगा।
-संपदा 2.0 पोर्टल पर हुई रजिस्ट्री में फर्जीवाड़े की शिकायत से विभाग में भी हड़कंप मच गया है। अब विभाग मामले की जांच करने की बात कह रहा है।
‘मामले ने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है’
मामले को लेकर अशोकनगर जिला रजिस्ट्रार शैलेंद्रसिंह चौहान का कहना है कि शिकायत मिली है किसी की जगह दूसरे व्यक्ति ने रजिस्ट्री करा ली है। संपदा 2.0 पोर्टल आधार बेस्ड पहचान करता है। अगर कोई फेब्रिकेटेड आधार बनाने की कोशिश करता है तो उसका थंब यूआइडी की साइट पर मैच नहीं होता। ये बड़ा आश्चर्यजनक तथ्य है कि, यूआइडी की साइट से थंब कैसे वेरीफाई हो गया। इसका मतलब है कि उसने पहले आधार उस नाम से बनवा लिया होगा, साथ ही खुद को यूआइडी में रजिस्टर्ड करा लिया और यूआइडी ने उसे उस आधा पर परमिट किया। ये जांच का विषय है और जांच के बाद कार्रवाई करेंगे। हमे लगता था कि संपदा 2.0 ने फर्जीवाड़े को रोक दिया है, लेकिन, इस मामले के सामने आने के बाद हमारे सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
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