Vijaya Ekadashi 2025 : इस बार बन रहे हैं विशेष योग, भगवान श्रीराम ने भी रखा था ये व्रत , जानें पूजा और व्रत की विधि
Vijaya Ekadashi 2025 Shubh Muhurat : फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली विजया एकादशी को विशेष रूप से शुभ माना गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान श्रीराम ने भी लंका विजय से पहले यह व्रत रखा था। इस वर्ष विजया एकादशी कब है और इसकी पूजा विधि क्या है, आइए जानते हैं।
Vijaya Ekadashi 2025 : हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी का पर्व मनाया जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, श्रीराम ने भी लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए इस व्रत का पालन किया था।
– प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। – घर के पूजा स्थल को साफ कर भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। – भगवान विष्णु को वस्त्र, चंदन, धूप, दीप, पुष्प, तुलसी दल और मिष्ठान अर्पित करें।
– घी का दीपक जलाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। – मां लक्ष्मी की पूजा भी विधिपूर्वक करें। – दिनभर व्रत रखें और केवल फलाहार करें। – अगले दिन द्वादशी तिथि में व्रत का पारण करें।
विजया एकादशी के दिन प्रमुख मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 05:11 से 06:01 बजे तक विजय मुहूर्त: दोपहर 02:29 से 03:15 बजे तक गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:15 से 06:40 बजे तक निशिता मुहूर्त: रात्रि 12:09 से 12:59 बजे तक
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। यह व्रत न केवल आध्यात्मिक उन्नति प्रदान करता है, बल्कि भौतिक सुख-समृद्धि भी प्रदान करता है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस व्रत को करने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
जो भी व्यक्ति इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति से करता है, उसे जीवन में सफलता और समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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