महाराष्ट्र टेस्ला की पहली पसंद क्यों?
रिपोर्ट के मुताबिक, टेस्ला महाराष्ट्र में जगह तलाश रही है क्योंकि कंपनी पहले से ही पुणे में एक ऑफिस चला रही है। इसके अलावा, टेस्ला के कई सप्लायर्स भी इसी राज्य में मौजूद हैं, जिससे टेस्ला को महाराष्ट्र अपने विस्तार के लिए सही लोकेशन के लिए बेहतर ऑप्शन नजर आ रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने कंपनी को पुणे के पास चाकन और चिखली में जमीन देने का प्रस्ताव दिया है। चाकन भारत का एक प्रमुख ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब है, जहां मर्सिडीज-बेंज, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, फॉक्सवैगन और बजाज ऑटो जैसी कंपनियों के कारखाने हैं।
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हालांकि, महाराष्ट्र इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे आगे है, लेकिन अन्य राज्य भी टेस्ला को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। टेस्ला किसी भी राज्य में निवेश करने से पहले पोर्ट (बंदरगाह) से नजदीकी और अन्य सुविधाओं को ध्यान में रखकर फैसला करेगी।
महाराष्ट्र सरकार सतर्कता से इस मामले पर बातचीत कर रही है, क्योंकि राज्य पहले ही वेदांता-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट और टाटा-एयरबस विमान निर्माण परियोजना जैसी बड़ी इन्वेस्टमेंट डील अन्य राज्यों को खो चुका है।
टेस्ला की जॉब पोस्टिंग से भारत में विस्तार के संकेत
एलन मस्क और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के बाद, टेस्ला ने मुंबई और दिल्ली में
13 नई जॉब वैकेंसी निकाली हैं। इनमें सेल्स, कस्टमर सपोर्ट, बिजनेस ऑपरेशंस और व्हीकल सर्विस से जुड़े पद शामिल हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने से पहले शोरूम और सर्विस सेंटर खोल सकती है।
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रिपोर्ट के अनुसार, टेस्ला ने टाटा मोटर्स जैसी बड़ी EV कंपनियों के अधिकारियों से बातचीत शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि कंपनी भारत में स्थानीय तौर पर पार्ट्स खरीदने या किसी भारतीय कंपनी के साथ साझेदारी करने के विकल्प तलाश रही है।
टेस्ला के सीनियर एग्जीक्यूटिव प्रशांत मेनन भारत में कंपनी के विस्तार में अहम भूमिका निभा सकते हैं। वे 2022 तक टेस्ला के भारत ऑपरेशन के प्रमुख थे और अब फिर से इस जिम्मेदारी के लिए भारत लौटे हैं।
टेस्ला की भारत में देर से एंट्री
एलन मस्क कई बार भारत में टेस्ला लाने की बात कह चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। 2021 में, टेस्ला ने मुंबई के लोअर परेल में ऑफिस और शोरूम खोलने की योजना बनाई थी, लेकिन सरकार से कम इंपोर्ट ड्यूटी की मांग को मंजूरी न मिलने के कारण यह संभव नहीं हो सका। टेस्ला चाहती थी कि $40,000 से कम कीमत वाली इलेक्ट्रिक कारों पर इंपोर्ट टैक्स 60% से घटाकर 40% किया जाए, ताकि कंपनी भारतीय बाजार में डिमांड को समझ सके। लेकिन सरकार ने पहले लोकल मैन्युफैक्चरिंग शुरू करने की शर्त रखी है।
2023 में, टेस्ला ने मोदी सरकार के साथ भारतीय सप्लायर्स से कंपोनेंट खरीदने को लेकर चर्चा की थी। बाद में, कंपनी ने पुणे में 5 साल के लिए एक ऑफिस स्पेस लीज पर लिया, जिससे भारत में निवेश की दिलचस्पी साफ साफ तौर पर नजर आती है।
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2024 में, भारत सरकार ने नई EV पालिसी लागू की, जिसमें उन कंपनियों को टैक्स छूट देने का प्रावधान है, जो भारत में कम से कम $500 मिलियन (लगभग ₹4,150 करोड़) का निवेश करेंगी। इसे टेस्ला को आकर्षित करने के प्रयास के रूप में देखा गया।
एलन मस्क को अप्रैल 2024 में भारत आकर निवेश की घोषणा करनी थी, लेकिन उन्होंने “टेस्ला की बहुत ज्यादा जिम्मेदारियों” का हवाला देकर यह यात्रा रद्द कर दी। इसके बजाय, वे चीन चले गए, जिससे टेस्ला की भारत रणनीति पर सवाल उठने लगे।
महाराष्ट्र में टेस्ला का प्लांट लग सकता है, लेकिन अभी कुछ भी पक्का नहीं है। कंपनी भारत में EV बाजार की संभावनाएं देख रही है और सरकार से बातचीत कर रही है। अगर सब कुछ सही रहा, तो जल्द ही भारत में टेस्ला की कारें बननी शुरू हो सकती हैं।