scriptAyodhya Murder Case: महंत जयप्रकाश दास को उम्रकैद: शीतला माता मंदिर हत्याकांड में एडीजे कोर्ट का फैसला | Ayodhya Murder Case: Sheetla Mata Temple Priest Sentenced to Life Imprisonment for Murder in Ayodhya | Patrika News
अयोध्या

Ayodhya Murder Case: महंत जयप्रकाश दास को उम्रकैद: शीतला माता मंदिर हत्याकांड में एडीजे कोर्ट का फैसला

Ayodhya Murder Case: अयोध्या के शीतला माता मंदिर के महंत जयप्रकाश दास को महिला द्रौपदी सिंह की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 2016 में मकान विवाद के चलते गोली मारकर हत्या की गई थी। एडीजे थर्ड न्यायालय ने दोषी ठहराते हुए महंत पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

अयोध्याDec 12, 2024 / 09:00 pm

Ritesh Singh

Ayodhya Priest Sentenced to Life in 2016 Murder Case

Ayodhya Priest Sentenced to Life in 2016 Murder Case

Ayodhya Murder Case: अयोध्या के शीतला माता मंदिर के महंत जयप्रकाश दास को हत्या के मामले में दोषी पाते हुए अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यह फैसला एडीजे थर्ड न्यायालय से आया, जिसमें महंत को 20 अक्टूबर 2016 को महिला द्रौपदी सिंह की हत्या का दोषी ठहराया गया। हत्या का कारण मकान को लेकर हुआ विवाद था।

सुबह-सुबह गोली मारकर की हत्या

20 अक्टूबर 2016 की सुबह अयोध्या के कोतवाली नगर क्षेत्र में स्थित शीतला माता मंदिर के पीछे एक मकान को लेकर विवाद हुआ। इस दौरान महंत जयप्रकाश दास ने द्रौपदी सिंह को गोली मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना ने इलाके में सनसनी फैला दी।
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क्या था विवाद

मंदिर के पीछे स्थित मकान को लेकर महंत और महिला के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। विवाद इतना बढ़ गया कि महंत ने अपनी प्रतिद्वंद्विता खत्म करने के लिए हिंसक कदम उठाया।

न्यायालय का फैसला: दोषी पाए गए महंत

एडीजे थर्ड न्यायालय ने सबूतों और गवाहों के आधार पर महंत जयप्रकाश दास को हत्या का दोषी करार दिया। अदालत ने अपने फैसले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।

न्याय प्रक्रिया में अहम बिंदु:

गवाहों के बयान: घटना स्थल के प्रत्यक्षदर्शियों ने महंत के खिलाफ बयान दिए।

फॉरेंसिक सबूत: फॉरेंसिक रिपोर्ट और हत्या में इस्तेमाल हथियार के साक्ष्य ने महंत को दोषी साबित किया।
लंबी कानूनी प्रक्रिया: घटना के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की और केस की सुनवाई में लगभग सात साल का समय लगा।

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शीतला माता मंदिर और महंत की भूमिका

शीतला माता मंदिर, अयोध्या के मकबरा क्षेत्र में स्थित है और धार्मिक दृष्टि से यह मंदिर महत्वपूर्ण है। महंत जयप्रकाश दास मंदिर के प्रमुख थे और उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा काफी प्रभावशाली थी। लेकिन इस घटना के बाद उनकी छवि धूमिल हो गई।
माज में असर: हत्या के बाद मंदिर के श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों के बीच गहरी नाराजगी थी। इस घटना ने धार्मिक नेतृत्व पर सवाल खड़े कर दिए।

महंत जय प्रकाश दास की सजा के मायने

महंत जयप्रकाश दास को दी गई सजा न केवल न्याय व्यवस्था की सफलता को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि कानून के सामने हर व्यक्ति बराबर है।
विशेषज्ञों की राय: कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से संदेश गया है कि धार्मिक पद पर आसीन व्यक्ति भी कानून से ऊपर नहीं है।

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स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोग और मंदिर के भक्त इस फैसले से संतुष्ट हैं। उनका कहना है कि मंदिर जैसे पवित्र स्थान से जुड़े किसी भी व्यक्ति को ऐसे घृणित कार्यों में लिप्त नहीं होना चाहिए। एक श्रद्धालु ने कहा: “महंत जैसे व्यक्ति से यह उम्मीद नहीं थी। अब हमें न्याय मिला है।”

क्या है आगे की राह?

महंत जयप्रकाश दास के वकील ने संकेत दिया है कि वे उच्च न्यायालय में अपील करेंगे। दूसरी ओर पुलिस और अभियोजन पक्ष इस फैसले को न्याय की जीत मान रहे हैं।

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