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बालोद जिले के तालाबों और भिलाई-दुर्ग की प्यास बुझाने में तांदुला जलाशय हो गया खाली

बालोद जिले के जलाशयों से दुर्ग, भिलाई, बालोद और बेमेतरा के तालाबों को निस्तारी के लिए भरने और पेयजल के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। लगभग एक माह से पानी छोड़ा जा रहा है। अब सभी जलाश्य स्वयं प्यासे हो गए हैं।

बालोदApr 25, 2025 / 11:31 pm

Chandra Kishor Deshmukh

बालोद जिले के जलाशयों से दुर्ग, भिलाई, बालोद और बेमेतरा के तालाबों को निस्तारी के लिए भरने और पेयजल के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। लगभग एक माह से पानी छोड़ा जा रहा है। अब सभी जलाश्य स्वयं प्यासे हो गए हैं।
Water crisis बालोद जिले के जलाशयों से दुर्ग, भिलाई, बालोद और बेमेतरा के तालाबों को निस्तारी के लिए भरने और पेयजल के लिए पानी छोड़ा जा रहा है। लगभग एक माह से पानी छोड़ा जा रहा है। अब सभी जलाश्य स्वयं प्यासे हो गए हैं।
जिले के सबसे बड़े जलाशय तांदुला में मात्र 19 प्रतिशत ही पानी बचा है। जलाशय में पानी की कमी के कारण आसपास के क्षेत्र यहां तक कलेक्ट्रेट कार्यालय व शहर में भू जल स्तर नीचे चला गया है। कलेक्ट्रेट में जल संकट गहरा गया है।

एक सप्ताह के भीतर सभी जलाशयों के गेट कर देंगे बंद

सिंचाई विभाग के मुताबिक एक सप्ताह तक और पानी छोड़ा जाएगा। क्योंकि बेमेतरा- बेरला क्षेत्र के तालाबों में पानी भरना बचा हुआ है। सिंचाई विभाग के ईई पीयूष देवांगन ने बताया कि मटियामोती से राजनांदगांव, खरखरा जलाशय से दुर्ग को पानी देने जलाशय का पानी नदी में छोड़ा गया है। एक सप्ताह के भीतर सभी जलाशयों के गेट बंद कर दिए जाएंगे।
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तांदुला से 1100 क्यूसेक छोड़ा गया है पानी

तांदुला जलाशय से 1100 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी अभी बीएसपी व निस्तारी के लिए छोड़ा गया है। विभागीय जानकारी के मुताबिक तांदुला से लगभग 900 तालाबों में पानी भरा जाता है। वर्तमान में बेमेतरा जिले के कुछ तालाबों में पानी भरना शेष है।
जिले के सबसे बड़े जलाशय तांदुला में मात्र 19 प्रतिशत ही पानी बचा है। जलाशय में पानी की कमी के कारण आसपास के क्षेत्र यहां तक कलेक्ट्रेट कार्यालय व शहर में भू जल स्तर नीचे चला गया है।
जिले के सबसे बड़े जलाशय तांदुला में मात्र 19 प्रतिशत ही पानी बचा है।

खरखरा से दुर्ग व मटियामोती से राजनांदगांव की बुझ रही प्यास

खरखरा जलाशय से तालाबों में लगभग पानी भर गया है। अब महमरा एनीकट दुर्ग में नदी के माध्यम से पानी छोड़ा गया है। सिंचाई विभाग के मुताबिक खरखरा नदी के माध्यम से पानी दुर्ग के लिए छोड़ा गया है। मटियामोती जलाशय से राजनांदगांव के लिए पानी छोड़ा गया है। खरखरा जलाशय दुर्ग व मटियामोती जलाशय से राजनांदगांव निवासियों की प्यास बुझ रही है।

जिले के किस जलाशय में कितना पानी

तांदुला जलाशय में 19.83, खरखरा में 20.12, मटियामोती में 40 व गोंदली जलाशय में 40.40 प्रतिशत पानी बचा है। एक सप्ताह और पानी चलेगा ऐसे में तीन से चार प्रतिशत और पानी कम हो जाएगा।

मानसून में अच्छी बारिश की उम्मीद

जिले के जलाशयों में पानी कम है। अब जलाशयों को भरने के लिए मानसून सीजन में अच्छी बारिश की उम्मीद है। अच्छी बारिश होगी, तब जलाशय लबालब होंगे।

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