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बैंगलोर

सफर महंगा होते ही टूटने लगा मेट्रो में सफर का मोह

नम्मा मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं। परिणामस्वरूप, नम्मा मेट्रो यात्रियों की संख्या में तेजी से कमी आई है जबकि बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) के यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। यात्रियों की नाराजगी के बाद कम और मध्यम दूरी के किराया वृद्धि में आंशिक कटौती के बावजूद नम्मा मेट्रो में दैनिक यात्रियों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है।

बैंगलोरFeb 20, 2025 / 06:11 pm

Yogesh Sharma

नम्मा मेट्रो में 9 दिन में 90 हजार यात्री घटे-

बीएमटीसी के औसतन यात्री भार में वृद्धि

योगेश शर्मा

बेंगलूरु. नम्मा मेट्रो के किराए में बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं। परिणामस्वरूप, नम्मा मेट्रो यात्रियों की संख्या में तेजी से कमी आई है जबकि बेंगलूरु महानगर परिवहन निगम (बीएमटीसी) के यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। यात्रियों की नाराजगी के बाद कम और मध्यम दूरी के किराया वृद्धि में आंशिक कटौती के बावजूद नम्मा मेट्रो में दैनिक यात्रियों की संख्या में गिरावट देखी जा रही है। किराया वृद्धि के कारण लोग अपने स्वयं के वाहनों और बीएमटीसी बसों की ओर रुख कर रहे हैं। वहीं, छात्र मेट्रो की जगह बीएमटीसी बसों से यात्रा करने लगे हैं। किराया वृद्धि के बाद मेट्रो रेल के यात्री भार में औसत 90 हजार की कमी हुई है तो इसी अवधि में बीएमटीसी की बसों में यात्रियों की संख्या में प्रतिदिन औसतन 1 लाख की वृद्धि हुई है। रविवार को मेट्रो और बीएमटीसी बसों में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या आमतौर पर कम होती है। मगर किराया वृद्धि का असर इस पर भी दिख रहा है।
जानकारी के अनुसार किराए में की गई बढ़ोतरी के बाद नम्मा मेट्रो में दैनिक सवारियों की संख्या में गिरावट जारी है। 17 फरवरी (सोमवार) को सवारियों की संख्या 7.80 लाख थी, जो पिछले सोमवार 10 फरवरी के 8.20 लाख से 40 हजार कम थी। इसके पिछले सोमवार 3 फरवरी को यात्रियों की संख्या संख्या 8.70 लाख थी जबकि 10 फरवरी को यह 50 हजार घटकर 8.20 लाख रह गई।
आंकड़ों के मुताबिक 9 फरवरी से 17 फरवरी के बीच करीब 90 हजार यात्रियों ने मेट्रो से नाता तोड़ा है। नम्मा मेट्रो में यात्री भार घटने का क्रम 9 फरवरी को किराया वृद्धि प्रभावी होने के साथ शुरू हुआ जो 14 फरवरी को किराए में आंशिक संशोधन के बाद भी नहीं थमा है। रविवार को भी मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में कमी आई है। मेट्रो में 9 फरवरी (रविवार) को यात्री भार 6.2 लाख था जो 16 फरवरी को घटकर 5.3 लाख तक रह गया। जनवरी में नम्मा मेट्रो में कुल 2.5 करोड़ यात्रियों ने सफर किया यानी औसतन प्रतिदिन 8 लाख यात्रियों ने मेट्रो का उपयोग किया। लेकिन किराया वृद्धि के बाद प्रतिदिन यात्रियों की संख्या केवल एक बार 8 लाख के आंकड़े को पार कर पाई है, जो 10 फरवरी को 8.2 लाख रही थी।
दरअसल, बीएमआरसीएल ने 9 फरवरी से किराया वृद्धि लागू की थी, जिसमें न्यूनतम किराए 10 रुपए को तो बरकरार रखा गया मगर अधिकतम किराए में 50 प्रतिशत वृद्धि करते हुए 60 से 90 रुपए कर दिया गया। हालांकि, कम और मध्यम दूरी के मार्गों पर प्रभावी वृद्धि 90 प्रतिशत से ज्यादा रही। यात्रियों की नाराजगी और आलोचनाओं के बाद बीएमआरसीएल ने तकनीकी गड़बड़ियों की बात स्वीकार करते हुए 14 फरवरी से किराया वृद्धि 71% तक सीमित करने की घोषणा की। हालांकि, यात्रियों का कहना है कि किराया अभी भी बहुत अधिक है और वहन करने लायक नहीं है।—————
मेट्रो ने खोया, बीएमटीसी का फायदागत 3 फरवरी (सोमवार) को बीएमटीसी बसों में यात्रियों की संख्या 36 लाख 62 हजार 588 थी जो नम्मा मेट्रो का किराया वृद्धि के बाद 10 फरवरी को बढ़कर 37 लाख 22 हजार 093 पहुंच गई। वहीं रविवार के यात्री भार की बात करें तो 2 फरवरी रविवार को बीएमटीसी की बसों में यात्री भार 29 लाख 41 हजार 609 था। वहीं नम्मा मेट्रो का किराया बढ़ने के बाद बीएमटीसी की बसों में 9 फरवरी को 29 लाख 53 हजार 628 हो गया। 9 फरवरी को यात्री भार में ज्यादा अंतर नहीं आया। लेकिन 16 फरवरी को बीएमटीसी की बसों में यात्री भार 29 लाख 28 हजार 230 रहा। किराया वृद्धि के बाद से बीएमटीसी की बसों में औसतन यात्री भार प्रतिदिन करीब 37 लाख रहा है। जानकारों का कहना है कि करीब एक लाख लोगों ने बीएमटीसी की बसों को अपने परिवहन के रूप में चुना है।
बीएमटीसी के अनुसार शक्ति योजना की लाभार्थी महिलाओं को छोड़ दें तो नम्मा मेट्रो का किराया बढऩे से पहले 2 फरवरी को पुरुष यात्रियों की संख्या 12 लाख 31 हजार 756 थी जो 9 फरवरी को नम्मा मेट्रो का किराया बढऩे के बाद बढकऱ 12 लाख 50 हजार 667 हो गई। 16 फरवरी को रविवार होने के बावजूद पुरुष यात्रियों की संख्या 12 लाख 27 हजार 832 रही। लेकिन राजस्व की दृष्टि से ये रविवार बीएमटीसी के लिए काफी अच्छा रहा। 16 फरवरी रविवार को बीएमटीसी ने 2 करोड़ 63 लाख 95 हजार 277 रुपए का राजस्व अर्जित किया।
छात्रों पर सबसे ज्यादा असरनम्मा मेट्रो का किराया बढ़ने से सबसे ज्यादा परेशानी छात्रों को हो रही है। यदि वे रोजाना 15 किलोमीटर से अधिक यात्रा करते हैं तो उन्हें 3,360 से 4,320 रुपए प्रति माह खर्च करने पड़ेंगे। यह रकम अधिकांश छात्रों के लिए बहुत बड़ी है, क्योंकि उनके पास आय का कोई निजी स्रोत नहीं है और वे काफी हद तक अपने परिवार पर निर्भर हैं। छात्रों ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि यात्रा पर बढ़े हुए उन पर दबाव बढ़ेगा। सीमित राशि के कारण अधिकांश छात्रों ने बीएमटीसी की सेवाओं के ओर रुख किया है। बीएमटीसी की बसें छात्रों के लिए बहुत सस्ता विकल्प है।

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