उन्होंने कहा, रेलवे ने अपनी तीन एकड़ की संपत्ति को जैव विविधता पार्क बनाने के बजाय, उसे कंक्रीट के जंगल में बदलने के लिए बिल्डरों को पट्टे पर दे दिया है। एक मंदिर को भी ध्वस्त किए जाने का खतरा है। अगर रेलवे बेंगलूरु में अपनी संपत्तियों का मुद्रीकरण करना चाहता है, तो वह गांधीनगर और शेषाद्रीपुरम में अपने बंगलों को ध्वस्त कर सकता है और जमीन को पट्टे पर दे सकता है। इन दो संपत्तियों से अधिक राजस्व प्राप्त हो सकता है।
इन पुराने बंगलों में रहने वाले वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों को बेहतर रहने की स्थिति और सुविधाएं प्रदान की जा सकती हैं।हूवर ने कहा कि बेंगलूरु पहले ही अपने हरित आवरण का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा खो चुका है। 368 पेड़ों को काटना अपराध होगा। खास तौर पर तब जब बेंगलूरु के लोग सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं और बढ़ते तापमान से झुलस रहे हैं। शहर के जीवनदायी पेड़ों में से जो थोड़े बहुत बचे हैं, उनकी रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है।