मंत्री ने मातृ मृत्यु Karnataka Maternal Death के संबंध में वास्तविक मुद्दे प्रस्तुत किए और विभाग की प्रगति के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे इन मौतों की न्यायिक जांच के आदेश के लिए मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या से चर्चा करेंगे। उन्होंने अश्वथनारायण के स्वास्थ्य विभाग को लेकर दिए गए सभी बयानों को सरासर झूठा बताया। उनके द्वारा उठाए गए सभी मुद्दों का सिलसिलेवार जवाब दिया।अश्वथनारायण के 108 एम्बुलेंस में जीपीएस प्रणाली नहीं होने के आरोपों के जवाब में मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान 108 एम्बुलेंस में जीपीएस नहीं था। हमारे सत्ता में आने के बाद, एम्बुलेंस में जीपीएस तकनीक लगाई गई।
मंत्री ने अश्वथनारायण के उन आरोपों को भी बेबुनियाद बताया जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत मिले अनुदान का केवल 25 प्रतिशत खर्च होने की बात कही। मंत्री ने अपने जवाब में कहा, 2021-22 में अनुदान का 61 फीसदी खर्च किया गया। कांग्रेस सरकार आने के बाद 2022-23 में अनुदान का 73 प्रतिशत और पिछले वर्ष 84.57 प्रतिशत खर्च किया गया। स्वास्थ्य विभाग को मिलने वाले अनुदान में पिछले वर्ष 97.91 प्रतिशत तथा चालू वर्ष में 60 प्रतिशत प्रगति हुई है।अस्पतालों में दवाओं की आपूर्ति नहीं होने के आरोपों का खंडन करते हुए मंत्री ने कहा, पिछली सरकार के दौरान औषधि आपूर्ति निगम द्वारा अस्पतालों को केवल 35 फीसदी दवाओं की आपूर्ति की जाती थी। हमारे सत्ता में आने के बाद, अस्पतालों को 85 फीसदी दवाओं की आपूर्ति हुई। पिछली सरकार में 400 दवाएं खरीदी गई थीं। उनके स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद 718 दवाएं खरीद कर आपूर्ति की गईं। अगले वर्ष की खरीद के लिए 1126 दवाओं को सूचीबद्ध किया गया है। सिर्फ 10 फीसदी अस्पताल ही आरोग्य रक्षा समिति फंड से खरीदारी कर रहे हैं।
अश्वथनारायण ने स्वास्थ्य विभाग में कानून के मुताबिक तबादले नहीं होने के आरोप भी लगाए। इस पर मंत्री ने कहा, पहले जब यू. टी. खादर मंत्री थे तब स्वास्थ्य विभाग में काउंसलिंग होती थी। उसके बाद पिछले 8 सालों तक भाजपा सरकार समेत किसी भी सरकार ने कोई काउंसलिंग नहीं की। राजनीतिक दबाव के कारण तबादले हो रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद उन्होंने काउंसलिंग के माध्यम से तबादले का निर्देश दिया। कुछ लोग काउंसलिंग के खिलाफ कोर्ट चले गए हैं।ब्रेन हेल्थ क्लीनिक में न्यूरोलॉजिस्ट नहीं होने के आरोपों के जवाब में मंत्री ने बताया कि 8 जिलों में अंशकालिक न्यूरोलॉजिस्ट और 8 जिलों में एमडी चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है। साथ ही फिजियोथेरेपिस्ट भी हर जगह सेवाएं दे रहे हैं।
अश्वथनारायण ने सरकारी अस्पतालों में सेवा शुल्क में हुई बढ़ोतरी का मुद्दा उठाते हुए सरकार को घेरा, तब मंत्री ने कहा कि राज्य के किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, तालुक अस्पताल और जिला अस्पताल में सेवा शुल्क नहीं बढ़ाया गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अस्पताल में सेवा शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की गई है।मंत्री ने कहा, अश्वथनारायण पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। तथ्य जाने बिना सदन में झूठ बोलकर जनता को गलत संदेश न दें। भाजपा सरकार के दौरान विभाग की स्थिति पर नजर डालें तो हमारे सत्ता में आने के बाद विभाग में काफी प्रगति हुई है।