त्योहारों की सुरक्षा में निभाई बड़ी भूमिका
होली, ईद, रमजान, नवरात्रि और अंबेडकर जयंती जैसे बड़े पर्वों के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने में खाकी साथी इन्फोलाइन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम ने हर थाना क्षेत्र में सक्रिय सामाजिक प्रतिनिधियों, संभ्रांत नागरिकों और व्यापारियों से संपर्क कर क्षेत्रीय हालात की जानकारी जुटाई। इस दौरान पुलिस को 255 महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुईं, जिनसे समय रहते सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए।
अपराध की जड़ों तक पहुंची टीम
खाकी साथी को अपराध की कई कड़ियों तक पहुंचने में सफलता मिली। आंकड़ों पर नजर डालें तो— अवैध शराब से जुड़ी सूचना: 143 जुआ: 91 नशीले पदार्थों की तस्करी: 58 सट्टा गतिविधियां: 33 गौकशी / गोवध अधिनियम से संबंधित मामले: 12 चाइनीज मांझा की बिक्री: 10 अन्य आपराधिक जानकारियां: 57 इस तरह एक व्यापक नेटवर्क के जरिए पुलिस ने जमीनी हकीकतों तक पहुंच बनाई और सक्रिय अपराधियों पर कार्रवाई सुनिश्चित की।
रोजाना औसतन 7 से अधिक काम की जानकारियां
खाकी साथी इन्फोलाइन के आंकड़े बताते हैं कि प्रतिदिन औसतन सात से अधिक उपयोगी सूचनाएं पुलिस तक पहुंच रही हैं। यानी अब क्षेत्र में घट रही संदिग्ध गतिविधियां पुलिस की नजर से छिप नहीं पा रहीं। इस पहल ने पुलिस और जनता के बीच विश्वास की नई लकीर खींची है।
एसएसपी अनुराग आर्य बोले — “जनता ही असली खुफिया नेटवर्क”
एसएसपी अनुराग आर्य ने खाकी साथी की सराहना करते हुए कहा, “हमने इस योजना से जो अपेक्षा की थी, खाकी साथी उससे कहीं आगे निकल चुका है। जब पुलिस सीधे आमजन से जुड़ती है तो छोटी-छोटी बातें भी सामने आती हैं, जो आगे चलकर बड़ी वारदातों को टालने में मददगार साबित होती हैं। अब हमारा लक्ष्य इस नेटवर्क को हर गांव, हर मोहल्ले तक फैलाना है, ताकि अपराध का कोई भी बीज जमीन न पकड़ सके।” खाकी साथी इन्फोलाइन ने साबित कर दिया है कि जब तकनीक और जनसहभागिता का सही तालमेल होता है, तो अपराध चाहे जितना भी छुपा हो, कानून की नजर उस तक जरूर पहुंचती है।