घरों में शाम से ही ईद की तैयारियां जोरों पर शुरू हो गईं। शहर की तमाम मस्जिदों में सोमवार को ईद की विशेष नमाज अदा की जाएगी। नमाज के बाद गले मिलकर लोग एक-दूसरे को ईद की बधाई देंगे और समाज में प्रेम और भाईचारे का संदेश देंगे।
चांद नजर आते ही लोगों ने की आतिशबाजी
रमजान के 29वें दिन रविवार को दरगाह आला हजरत स्थित मरकजी दारुल इफ्ता की रुयते हिलाल कमेटी की ओर से चांद देखने का ऐलान किया गया था। जैसे ही शाम ढली, लोग अपने-अपने घरों की छतों पर और विभिन्न दरगाहों पर चांद देखने के लिए जमा हो गए। दरगाह आला हजरत, खानकाह-ए-नियाजिया, दरगाह शाह शराफत मियां सहित कई स्थलों पर चांद देखने की परंपरा निभाई गई। चांद नजर आते ही लोगों ने आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया और गले मिलकर मुबारकबाद दी।
दरगाह प्रमुख व सज्जादानशीन ने दी मुबारकबाद
दरगाह प्रमुख सुब्हानी मियां और सज्जादानशीन अहसन मियां ने सभी को ईद की मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा, ईद भाईचारे और खुशियों का त्योहार है। हमें सभी गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाना चाहिए और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने खासतौर पर हिंदुस्तान की शांति, तरक्की और खुशहाली के लिए दुआ करने की अपील की। साथ ही फिलिस्तीन के मुसलमानों के लिए भी दुआ करने का आह्वान किया।
चांद देखने के दौरान मौजूद रहे प्रमुख लोग
खानकाह-ए-नियाजिया में सज्जादानशीन मेहंदी मियां की कयादत में खानकाही रवायत के साथ चांद देखा गया। वहीं दरगाह आला हजरत पर चांद के दीदार के दौरान मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी, नासिर कुरैशी, मौलाना अबरार उल हक, शाहिद नूरी, अजमल नूरी, औरंगजेब नूरी, परवेज नूरी, ताहिर अल्वी, हाजी जावेद खान, मंजूर रजा, मुजाहिद बेग, सुहैल रजा सहित कई अन्य धार्मिक और सामाजिक लोग मौजूद रहे।