कैसे हुआ मामला उजागर
मुरादाबाद के प्रेमनगर इंडस्ट्रियल एरिया, कांठ रोड निवासी निर्यातक अरशु ढल ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 20 सितंबर 2024 को अनुज और उसके साथी शिव कुमार और पवन शर्मा उनकी कंपनी में पहुंचे और 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी। शिकायत के अनुसार, अनुज गंगवार ने खुद को एसीपी बताते हुए धमकी दी कि वह अपने गिरोह के साथ मिलकर अगर पैसे नहीं मिले तो पिता-पुत्र को झूठे केस में फंसा देगा।
कैसे वसूले पैसे
28 सितंबर 2024 को अनुज फिर से कंपनी पहुंचा और धमकाकर 5 लाख रुपये जबरन वसूल लिए। इसके बाद गिरोह ने पूरे 50 लाख रुपये की मांग शुरू कर दी और परिवार की हत्या करने की धमकी दी। जब निर्यातक ने फिरौती देने से इनकार किया, तो उसने सिविल लाइंस थाने में 24 दिसंबर 2024 को मामला दर्ज कराया।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
सिविल लाइंस थाना प्रभारी मनीष सक्सेना के अनुसार, आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए रिपोर्ट एसएसपी को भेजी गई थी, जिसे डीएम की संस्तुति के बाद मंजूरी मिली। अनुज कुमार गंगवार को रविवार को बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया। अन्य दो आरोपी शिव कुमार और पवन शर्मा अभी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।
पहले भी हो चुकी थी गिरफ्तारी
इससे पहले तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन अनुज जमानत पर रिहा होकर फिर से बरेली लौट आया और अपनी गतिविधियां जारी रखी। पुलिस अब अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी और अनुज के गैंग से जुड़े अन्य अपराधों की जांच कर रही है।