इंदिरा जौहरी पिछले करीब 35 से 40 साल से प्रेमनगर के सुर्खा बानखाना पोस्ट ऑफिस की एजेंट थीं। उनकी छवि एक भरोसेमंद महिला की थी। लोग आंख मूंदकर उन पर विश्वास करते थे। लेकिन बीते तीन सालों में उन्होंने अपने ग्राहकों के साथ ऐसा धोखा किया कि हर कोई दंग रह गया।
महिला एजेंट की आत्महत्या के बाद खुलीं घोटाले की परतें
इंदिरा जौहरी ने जिन ग्राहकों से पैसा लिया, उनकी रसीदें नहीं बनवाई, जिनकी रसीदें बनी वह फर्जी बनाई गईं। वहीं कुछ ग्राहकों की ऑनलाइन किश्तें भी उनके बेटे ईशान, सुंदरम और बहू कायनात सैफी उर्फ कायनात जौहरी के खातों में मंगवाई गईं। सूत्रों के मुताबिक इंदिरा की खुदकुशी के बाद ही इस घोटाले की परतें खुलनी शुरू हुईं। अब तक लगभग 250 लोग सामने आ चुके हैं, जो अपने लाखों-लाख रुपये डूबने की बात कह रहे हैं।
आरोपियों पर एफआईआर दर्ज, पुलिस जांच में जुटी
सबसे पहले इस मामले की शिकायत सतेन्द्र कुमार जैन ने की, जिनका कहना है कि उन्होंने पांच लाख रुपये जमा कराए थे। वहीं मीना सक्सेना नाम की महिला ने भी 15 लाख रुपये के घपले का दावा किया है। पीड़ितों की मानें तो यह घोटाला 5-7 करोड़ से कम का नहीं है। पीड़ितों ने मामले की शिकायत एडीजी रमित शर्मा से की जिसके बाद इज्जतनगर पुलिस ने आरेपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।