वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई लोगों ने इस कविता को धार्मिक भावनाओं से जोड़ते हुए आपत्ति जताई है। लोगों का कहना है कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं कांवड़ यात्रा का समर्थन करते हुए शिवभक्तों पर पुष्पवर्षा कर रहे हैं, ऐसे में एक शिक्षक का इस तरह की बात करना निंदनीय है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षक का कर्तव्य छात्रों को शिक्षित करना है, न कि धार्मिक मामलों में उपदेश देना। कुछ लोगों ने तो यह तक कह डाला कि जब गुरु ही भ्रम पैदा करेंगे तो छात्र क्या सीखेंगे? इधर, सोशल मीडिया पर दो फाड़ बन चुके हैं। जहां एक वर्ग शिक्षक पर कार्रवाई की मांग कर रहा है, वहीं कुछ लोगों का कहना है कि कविता में केवल ज्ञान की महत्ता का संदेश था, जिसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
कॉलेज प्रबंधन और शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया है। सूत्रों की मानें तो विभागीय जांच के संकेत मिले हैं। कॉलेज की आंतरिक समिति भी वीडियो की पड़ताल में जुट गई है। स्थानीय निवासी नीरज शर्मा ने कहाअधार्मिक आस्थाओं का सम्मान करना हर शिक्षक का दायित्व है। बच्चों के सामने इस तरह की बातें करना उचित नहीं है। फिलहाल यह मामला सोशल मीडिया और स्थानीय सियासत का मुद्दा बन गया है। अब सबकी नजर प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी है।