पुलिस टीम ने ट्रेन के निर्धारित कोच से बच्ची को सुरक्षित बाहर निकाला और कुछ ही देर बाद पहुंची मां के सुपुर्द कर दिया। बच्ची को पाकर महिला की आंखें भर आईं और उसने अपनी मासूम को सीने से लगाकर राहत की सांस ली।
गोरखपुर से बरेली आ रहे थे दंपति, सामान और बच्ची ट्रेन में छूटे
कुशीनगर जिले के थाना बिशनपुरा के गांव शाहपुर खलापट्टी निवासी सबीना खातून अपने पिता शाकिर अली और पांच माह की बेटी खतीजा के साथ जननायक एक्सप्रेस से गोरखपुर से बरेली की यात्रा कर रही थीं। जैसे ही ट्रेन बरेली कैंट स्टेशन पर रुकी, सबीना और उनके पिता ट्रेन को बरेली जंक्शन समझकर उतर गए। उनके पास बैग व सामान था, लेकिन अफरा-तफरी में अपनी मासूम बेटी को सीट पर ही छोड़ दिया। ट्रेन के चलने के बाद जब सबीना को अपनी बेटी की याद आई, तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने पिता से पूछा लेकिन बेटी उनके पास भी नहीं थी। प्लेटफार्म पर सबीना जोर-जोर से रोने लगीं।
ऑटो चालक और जीआरपी की सूझबूझ से बची अनहोनी
ऑटो चालक ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत बरेली जंक्शन जीआरपी को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही जीआरपी इंस्पेक्टर परवेज अली खान, सिपाही रामेंद्र कुमार और विनीत कुमार के साथ प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर पहुंचे। जब जननायक एक्सप्रेस वहां पहुंची, तो टीम ने तुरंत संबंधित कोच की तलाशी ली और बच्ची को सुरक्षित उतार लिया। कुछ ही देर में सबीना और उनके पिता भी बरेली जंक्शन पहुंच गए। जीआरपी ने बच्ची को उनकी मां के सुपुर्द किया। अपनी मासूम बेटी को देखकर सबीना फूट-फूट कर रो पड़ीं और उसे सीने से लगा लिया।