फरवरी में समझौते के बाद व्यापारी नेता ने किया था कब्जा
17 फरवरी 2024 को समझौते के आधार पर व्यापारी नेता अनिल पाटिल को दुकान पर वैध कब्जा मिला था। लेकिन दूसरे पक्ष के सचिन अग्रवाल ने 5 अक्टूबर 2024 को पारित न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए जबरन दुकान पर कब्जा कर लिया और वादी को बेदखल कर दिया था। इसकी शिकायत व्यापारी नेता ने कोर्ट में की थी।दोनों पक्षों की ओर से दर्ज हो चुके हैं मुकदमे
इस मामले में सचिन अग्रवाल की ओर से व्यापारी नेता अनिल पाटिल और उनके बेटे के खिलाफ कोतवाली में दुकान पर कब्जा करने और ताला तोड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद व्यापारी नेता ने किला थाने में सचिन अग्रवाल और उनके परिवार वालों के खिलाफ लाखों रुपये लेकर दुकान की रजिस्ट्री न कराये जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। दोनों मुदकमों की विवेचना चल रही है।कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुनाया फैसला
न्यायालय ने व्यापारी नेता अनिल पाटिल की याचिका को न्यायहित में स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि वादी के कब्जे को सुरक्षित रखा जाए और प्रतिवादीगण को दुकान पर किसी भी तरह का अवैध हस्तक्षेप करने से रोका जाए। इसके साथ ही, न्यायालय ने एसएसपी बरेली को निर्देशित किया कि वह कोतवाली पुलिस को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए निर्देश दें।दुकान को लेकर आया कोर्ट का ये आदेश
. प्रतिवादीगण वादी के शांतिपूर्ण कब्जे में हस्तक्षेप नहीं कर सकते।. वादी को जबरन दुकान से बेदखल करने की कोई भी कोशिश अवैध होगी।
. स्थानीय पुलिस को न्यायालय के आदेश का सख्ती से पालन कराना होगा।
. एसएसपी बरेली को आदेश का त्वरित अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।