scriptवक्फ बोर्ड के जिम्मेदारों को आखिरी क्यों पाकिस्तान भेजना चाहतें हैं मौलाना, जाने | Why does Maulana want to send the officials of Waqf Board to Pakistan? Know here | Patrika News
बरेली

वक्फ बोर्ड के जिम्मेदारों को आखिरी क्यों पाकिस्तान भेजना चाहतें हैं मौलाना, जाने

मौलाना रजवी ने कहा कि कुछ लोग मुसलमानों के असुरक्षित होने की बातें करके समाज में ग़लतफ़हमी और गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें संविधान द्वारा प्रदत्त सभी धार्मिक स्वतंत्रताएं प्राप्त हैं।

बरेलीMar 15, 2025 / 01:30 pm

Avanish Pandey

बरेली। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने एक बयान जारी कर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उस दावे का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि भारत में मुसलमान असुरक्षित हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि देश में मुस्लिम समुदाय को पूरी आज़ादी के साथ अपने धार्मिक त्योहार, नमाज, रोज़ा, हज, जकात, जुलूस और उर्स के आयोजन करने का अधिकार है और इसमें कोई बाधा नहीं डाली जाती।
मौलाना रजवी ने कहा कि कुछ लोग मुसलमानों के असुरक्षित होने की बातें करके समाज में ग़लतफ़हमी और गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि हकीकत इसके विपरीत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें संविधान द्वारा प्रदत्त सभी धार्मिक स्वतंत्रताएं प्राप्त हैं।

रमज़ान इबादत का महीना, प्रदर्शन का नहीं

मौलाना रजवी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड द्वारा वक्फ संशोधन बिल के विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित धरना-प्रदर्शन पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि धरना-प्रदर्शन करना हर नागरिक का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन रमज़ान के पवित्र महीने में इसका आयोजन उचित नहीं है। रमज़ान का महीना अल्लाह की इबादत, रोज़ा, नमाज और कुरआन की तिलावत के लिए होता है, ऐसे में इस दौरान राजनीतिक विरोध-प्रदर्शन का आयोजन करना लोगों को धार्मिक गतिविधियों से रोकने के समान है। उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शन को किसी अन्य महीने में भी आयोजित किया जा सकता था।

भारत की तुलना पड़ोसी मुस्लिम देशों से करें

मौलाना रजवी ने भारत सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि जो लोग भारत में मुसलमानों को असुरक्षित बता रहे हैं, उन्हें वीज़ा देकर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश भेजा जाना चाहिए ताकि वे वहां की वास्तविक स्थिति देख सकें। उन्होंने कहा कि इन देशों में मुसलमानों को किन हालातों का सामना करना पड़ रहा है, यह जानने के बाद वे खुद मानेंगे कि भारत में मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं और उन्हें किसी प्रकार का खतरा नहीं है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के इस बयान से यह साफ है कि वे भारत में मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की शंका को खारिज कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने रमज़ान के महीने में धरना-प्रदर्शन के आयोजन पर भी आपत्ति जताई है।

Hindi News / Bareilly / वक्फ बोर्ड के जिम्मेदारों को आखिरी क्यों पाकिस्तान भेजना चाहतें हैं मौलाना, जाने

ट्रेंडिंग वीडियो