Gemraram Meghwal: पाकिस्तान की जेल में 28 महीने कैद काटकर आए बाड़मेर के एक युवक का शव पाली की एक फैक्ट्री में फंदे पर झूलता मिला। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसके शव को बांगड़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। मंगलवार को पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया।
पुलिस ने बताया कि बाड़मेर जिले के बिजराडा थाना क्षेत्र के कुम्हारों का टीबा निवासी गेमराराम (24) पुत्र जामाराम मेघवाल जो करीब 1 साल से जाड़न कस्बे की एक लोहा फैक्ट्री में कोयले का काम करता था। वह अपने भाई और रिश्ते में मामा के साथ एक कमरे रहता था।
शव कमरे में फंदे पर झूलता मिला
सोमवार दोपहर को उसका शव फैक्ट्री के एक सुने कमरे में फंदे पर झूलता हुआ मिला। घटना की जानकारी जब उसके भाई और मामा को लगी तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पाली के बांगड़ अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया।
मंगलवार सुबह पोस्टमार्टम की कार्रवाई के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिजन शव को एम्बुलेंस से बाड़मेर के लिए रवाना हो गए। पुलिस पुरे मामले की जांच में जुटी है।
पूर्व मंत्री कैलाश चौधरी ने किया था प्रयास
बाड़मेर-जैसलमेर से पूर्व सांसद और केन्द्रीय मंत्री रहे कैलाश चौधरी ने गेमरा राम मेघवाल की वापसी पर खुशी जताई थी। केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा था कि वे लंबे समय से गेमराराम को पाकिस्तान से भारत लाने के लिए प्रयास कर रहे थे। इसके लिए विदेश मंत्रालय व दूतावास से लंबे समय से सम्पर्क में था। इस संबंध में कई बार भी विदेश मंत्री से बात की थी।
प्यार में बदनामी के डर से गया पाकिस्ताान
राजस्थान का बाड़मेर भारत पाकिस्ताान सीमा पर बसा है। गेमरा राम मेघवाल का सीमावर्ती जिले बाड़मेर से पाकिस्तान पहुंचने की कहानी काफी दिलचस्प है। प्यार में बदनामी के डर से गेमरा राम मेघवाल बॉर्डर लांघ गया था, जिसे पाक रेंजर्स ने पकड़ लिया और पाकिस्तान पुलिस के हवाले कर दिया था।
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77 दिन बाद चला पाकिस्तान में है
गलती से पाकिस्तान की सीमा में घुसने के बाद पकड़े जाने पर परिजनों से उसका कोई सम्पर्क नहीं हुआ। परिजन उसकी खूब तलाश करते रहे। लापता होने के 77 दिन बाद पता चला कि वह पाकिस्तान में है। तब से ही परिजन उसकी सकुशल वतन वापसी का इंतजार कर रहे थे। अब इंतजार खत्म हो गया है।
पड़ोसी नाबालिग लड़की से मिलने आया
बताया जाता है कि कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन लगने पर स्कूल बंद हुई तो मजदूरी करने जोधपुर चला गया था। गेमराराम मेघवाल का पड़ोसी की नाबालिग लड़की से प्रेम प्रसंग चल रहा था। वह जोधपुर से 5 नवंबर को अपने गांव आया। अपने घर जाने की बजाय प्रेमिका से मिलने से उसके घर चला गया। वहां लोगों को उसके आने का पता लगने पर वह बॉर्डर की तरफ भाग गया और तारबंदी फांदकर पाकिस्तान में घुस गया। फिर पाकिस्तान रेंजर्स ने पकड़कर जेल में डलवा दिया था।