scriptराजस्थान की ऐसी जगह जहां सूरज ढलने के बाद कोई नहीं जाता था, भुतहा किराडू अब फिर होगा आबाद, सरकार ने बनाई नई योजना | Rajasthan a Place where no one go to after Sunset Now Kiradu inhabited Again Government Made a New Plan | Patrika News
बाड़मेर

राजस्थान की ऐसी जगह जहां सूरज ढलने के बाद कोई नहीं जाता था, भुतहा किराडू अब फिर होगा आबाद, सरकार ने बनाई नई योजना

Khajuraho of Rajasthan : ‘राजस्थान का खजुराहो’ यानि किराडू 11वीं सदी बाद अब फिर आबाद होगा। कहा जाता है कि सूरज ढलने के बाद किराडू में कोई नहीं जाता था। इस शापित किराडू को राजस्थान सरकार फिर आबाद करने जा रही है। 24 ग्राम पंचायतें जुड़ेगी। 48000 की आबादी बसेगी। जानें कैसे होगा यह सब।

बाड़मेरApr 11, 2025 / 02:18 pm

Sanjay Kumar Srivastava

Rajasthan a Place where no one go to after Sunset Now Kiradu inhabited Again Government Made a New Plan
Khajuraho of Rajasthan : ‘राजस्थान का खजुराहो’ किसको कहते हैं। किराडू को ‘राजस्थान का खजुराहो’ के नाम से पुकारा जाता है। यहां 11वीं सदी में दक्षिण भारतीय शैली में बने मंदिरों का समूह है। जिसे देखकर आज भी लोग आश्चर्य चकित हो जाते हैं। यह किराडू अचानक सुर्खियों में आ गया है। वजह है कि 11वीं सदी बाद अब किराडू फिर आबाद होगा। किराडू को पहले राजस्थान सरकार ने राजस्व गांव बनाया और अब पंचायत समिति का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। इससे 48000 की आबादी और 24 ग्राम पंचायतें इससे जुड़ेगी। बताया जाता है कि किराडू में सूरज ढलने के बाद कोई नहीं जाता। कुछ लोग किराडू को भुतहा मानते हैं। वहीं कुछ लोग कोरे दैवीय श्राप पर विश्वास करते हैं। पर सच्चाई कुछ भी रही हो एक बात साफ है कि किराडू का डर लोगों के मन में आज भी है।

बाड़मेर से करीब 40 किमी की दूरी पर किराड़ू के मंदिर

बाड़मेर से करीब 40 किमी की दूरी पर किराड़ू के मंदिर है। जानकारों के अनुसार 11वीं सदी में निर्मित इन मंदिरों के आस-पास आबादी रहती थी। दक्षिण शैली के इन मंदिरों पर विदेशी आक्रांता अल्लाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण कर इनको नष्ट किया।

किवदंती है कि एक साधु ने दिया था श्राप

इसके बाद एक किवदंती यह भी है कि एक साधु के श्राप की वजह से यह क्षेत्र वीरान हो गया। इसके बाद से ही आबादी यहां पर बस नहीं पाई। अब प्रयास हो रहे हैं कि यहां पर्यटकों को लाया जा सके और उन्हें आधारभूत सुविधाएं दी जा सके।
यह भी पढ़ें

आरजीएचएस पोर्टल पर बड़ी हेराफेरी, राजस्थान सरकार को 28 फीसद नुकसान, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट

पूरे राजस्थान में अलग पहचान कराती है किराड़ू की शैली

किराड़ू में 5 मंदिरों का समूह है। यह सोलंकी आर्किटेक्चर का बेमिसाल नमूना है। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। पर कुछ मंदिरों में खजुराहो के मंदिरों जैसी शिल्पकला देखने को मिलती है। यहां कई मूर्तियां टूटी हुई हैं। हज़ारों साल पुराने इन मंदिरों में वक्त के साथ साथ काफी बदलाव आ गया है। किराड़ू की यह शैली उसे पूरे राजस्थान में अलग पहचान कराती है।
यह भी पढ़ें

Gold-Silver Price : सोना-चांदी फिर पहुंचे नई ऊंचाई पर, सिर्फ इस फैसले ने किया बड़ा असर

48000 लोग जुड़ेंगे

राजस्व गांव बनाने के बाद अब किराडू को पंचायत समिति बनाने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया गया है। इसमें 24 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। जिनकी आबादी करीब 48000 हैं। ऐसे में वीरान रहे किराड़ू में अब इतने लोगों का सीधा जुड़ाव होगा।

पर्यटन विकसित नहीं हुआ, अब होगा आबाद

यह मंदिर विशेष होने के बावजूद भी यहां पर्यटन का विकास नहीं हो पाया। सघन आबादी नहीं होने और आस-पास में सुविधाएं नहीं होने से पर्यटक यहां तक नहीं पहुंचे। हाल ही राज्य सरकार ने इसे राजस्व गांव बनाया है।
यह भी पढ़ें

राजस्थान के लाखों लोगों की रुक सकती है पेंशन, सीएम कार्यालय को भेजा गया है प्रस्ताव, जानें क्यों

पर्यटन विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी

किराडू 11वीं सदी से वीरान है। यहां पर पर्यटन विकास तभी होगा जब यहां पर सुविधाएं होगी। इसके लिए पहले यहां राममंदिर उद्घाटन का कार्यक्रम करवाया। इसके बाद सबसे राय लेकर राजस्व गांव बनाया गया। अब इसका पंचायत समिति का प्रस्ताव भेजा गया है। पंचायत समिति मुख्यालय बनते ही यहां पर पर्यटन व विकास का कार्य प्राथमिकता से होगा।
स्वरूपसिंह राठौड़ खारा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष

Hindi News / Barmer / राजस्थान की ऐसी जगह जहां सूरज ढलने के बाद कोई नहीं जाता था, भुतहा किराडू अब फिर होगा आबाद, सरकार ने बनाई नई योजना

ट्रेंडिंग वीडियो