बाड़मेर से करीब 40 किमी की दूरी पर किराड़ू के मंदिर
बाड़मेर से करीब 40 किमी की दूरी पर किराड़ू के मंदिर है। जानकारों के अनुसार 11वीं सदी में निर्मित इन मंदिरों के आस-पास आबादी रहती थी। दक्षिण शैली के इन मंदिरों पर विदेशी आक्रांता अल्लाउद्दीन खिलजी ने आक्रमण कर इनको नष्ट किया।किवदंती है कि एक साधु ने दिया था श्राप
इसके बाद एक किवदंती यह भी है कि एक साधु के श्राप की वजह से यह क्षेत्र वीरान हो गया। इसके बाद से ही आबादी यहां पर बस नहीं पाई। अब प्रयास हो रहे हैं कि यहां पर्यटकों को लाया जा सके और उन्हें आधारभूत सुविधाएं दी जा सके।आरजीएचएस पोर्टल पर बड़ी हेराफेरी, राजस्थान सरकार को 28 फीसद नुकसान, पढ़ें ग्राउंड रिपोर्ट
पूरे राजस्थान में अलग पहचान कराती है किराड़ू की शैली
किराड़ू में 5 मंदिरों का समूह है। यह सोलंकी आर्किटेक्चर का बेमिसाल नमूना है। ये मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। पर कुछ मंदिरों में खजुराहो के मंदिरों जैसी शिल्पकला देखने को मिलती है। यहां कई मूर्तियां टूटी हुई हैं। हज़ारों साल पुराने इन मंदिरों में वक्त के साथ साथ काफी बदलाव आ गया है। किराड़ू की यह शैली उसे पूरे राजस्थान में अलग पहचान कराती है।Gold-Silver Price : सोना-चांदी फिर पहुंचे नई ऊंचाई पर, सिर्फ इस फैसले ने किया बड़ा असर
48000 लोग जुड़ेंगे
राजस्व गांव बनाने के बाद अब किराडू को पंचायत समिति बनाने का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया गया है। इसमें 24 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है। जिनकी आबादी करीब 48000 हैं। ऐसे में वीरान रहे किराड़ू में अब इतने लोगों का सीधा जुड़ाव होगा।पर्यटन विकसित नहीं हुआ, अब होगा आबाद
यह मंदिर विशेष होने के बावजूद भी यहां पर्यटन का विकास नहीं हो पाया। सघन आबादी नहीं होने और आस-पास में सुविधाएं नहीं होने से पर्यटक यहां तक नहीं पहुंचे। हाल ही राज्य सरकार ने इसे राजस्व गांव बनाया है।राजस्थान के लाखों लोगों की रुक सकती है पेंशन, सीएम कार्यालय को भेजा गया है प्रस्ताव, जानें क्यों
पर्यटन विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी
किराडू 11वीं सदी से वीरान है। यहां पर पर्यटन विकास तभी होगा जब यहां पर सुविधाएं होगी। इसके लिए पहले यहां राममंदिर उद्घाटन का कार्यक्रम करवाया। इसके बाद सबसे राय लेकर राजस्व गांव बनाया गया। अब इसका पंचायत समिति का प्रस्ताव भेजा गया है। पंचायत समिति मुख्यालय बनते ही यहां पर पर्यटन व विकास का कार्य प्राथमिकता से होगा।स्वरूपसिंह राठौड़ खारा, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष