CG Exclusive: बस्तर राजमहल में 107 साल बाद दूल्हा बनेंगे महाराजा, देशभर के 100 राजघराने बनेंगे बाराती..
CG News: जगदलपुर बस्तर की जनता राजमहल में ऐतिहासिक शादी की जिले गवाह बनने जा रही है। बस्तर राजमहल में पूरे 107 साल बाद गद्दी पर आसीन किसी राजा की शादी हो रही है।
CG Exclusive:आकाश मिश्रा. छत्तीसगढ़ के जगदलपुर बस्तर की जनता राजमहल में ऐतिहासिक शादी की जिले गवाह बनने जा रही है। महाराजा प्रवीरचंद्र भंजदेव के लिए चर्चित बस्तर राजमहल में पूरे 107 साल बाद गद्दी पर आसीन किसी राजा की शादी हो रही है। यहां पिछली शादी वर्ष 1918 में रुद्रप्रताप देव की हुई थी। पांच पीढिय़ों के बाद अब 20 फरवरी को बस्तर महाराजा कमलचंद भंजदेव की शादी हो रही है।
इस भव्य विवाह समारोह में देशभर के 100 राजघराने शामिल हो रहे हैं। सभी राजघरानों के बस्तर पहुंचने का दौर शुरू हो चुका है। तत्कालीन बस्तर महाराजा रुद्रप्रताप देव का जन्म वर्ष 1891 में हुआ था और 1921 तक में शासन करते रहे। उनकी पहली शादी 1908 में रानी कुसुमलता के साथ हुई थी। रानी की आकस्मिक मौत के कारण वर्ष 1918 में रुद्रप्रताप देव ने चंद्रादेवी से दूसरा विवाह किया था। इनकी शादी के बाद 107 वर्षों तक बस्तर स्टेट की राजगद्दी पर बैठे किसी राजा की शादी राजमहल में नहीं हुई है।
अब तक बस्तर से बाहर ही हुई शादियां
राजगुरु नवीन ठाकुर ने बताया कि बस्तर महाराज प्रवीरचंद्र भंजदेव का विवाह 4 जुलाई 1961को वेदवती के साथ दिल्ली में हुआ था। इसके बाद वर्ष 1954 में विजयचंद्र भंजदेव का विवाह हितेंद्रकुमारी के साथ गुजरात में हुआ था। इसी तरह भरतचंद्र भंजदेव का विवाह भी कृष्णकुमारी के साथ गुजरात में हुआ था। इस बीच प्रवीरचंद्र भंजदेव की बहनों का विवाह ब्रिटिश काल में हुआ था। करीब 35 साल पहले राजकुमार हरिहर चंद्र भंजदेव की शादी पैलेस में हुई थी पर वे गद्दी पर आसीन राजा नहीं थे।
एमपी के किला नागौद जाएगी बारात, बुक किए गए चार्टेड प्लेन
बस्तर महाराजा कमलचंद भंजदेव का विवाह किला नागौद मध्यप्रदेश के महाराजा शिवेंद्र प्रताप सिंह की पुत्री महाराजकुमारी भुवनेश्वरी कुमारी के साथ 20 फरवरी को होने जा रहा है। इस शादी में शामिल होने के लिए देशभर के राजघराने बराती बनकर यहां से जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि बस्तर स्टेट ने इसके लिए तीन चार्टड प्लेन बुक किए हैं जो बारातियों को जगदलपुर से लेकर जाएंगे।
राजस्थान से बुलाए गए कैटरिंग और सजावट वाले
राजमहल में इन दिनों ऐतिहासिक शादी की आभा देखते बन रही है। राजमहल को विवाह कार्यक्रम के लिए विशेष तौर पर सजाया गया है। 1890 में निर्मित बस्तर राजमहल की बेहतरीन सजावट की गई है। वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न करने राजस्थान से कैटरिंग और राजवाड़ा शामियाना वालों को बुलाया गया है। साथ ही देश-विदेश से खास तरह के फूल हर दिन मंगवाए जा रहे हैं।
बस्तर के अलावा देशभर की संस्कृति की झलक दिख रही
विवाह से जुड़े समारोह शुरू हो चुके हैं। राजमहल के लॉन में हर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम हो रहे हैं। इसमें देशभर की संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। देशभर से पहुंचे राजघरानों के सामने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हो रही हैं। विशेष मेहमान बस्तर की संस्कृति से भी रूबरू हो रहे हैं।
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