जानकारी के अनुसार रावला का बाडिया निवासी आमीन खां ने बताया कि 17 फरवरी को उमराह वीजा पर वह सउदी अरब गया। यहां रियाद में 3 मार्च को जमीन, अहसान, सुभाष, सद्दाम व सावरा जाट उसके कमरे पर पहुंचे और उसका अपहरण कर ले गए। उसके साथ मारपीट की गई और उसके फोन से परिजन को फोन करवाकर 60 लाख रुपए की मांग की। ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी।
आमीन खां की पुत्री रजिया ने जिला कलक्टर महेन्द्र खडगावत को मामले की जानकारी दी। उन्होंने विदेश मंत्रालय को मामला भेजा। इसके अलावा रियाद में भारतीय दूतावास से सम्पर्क साधा गया। इसके बाद रियाद पुलिस भी सक्रिय हो गई। इसकी जानकारी अपहृताओं को लगी तो वे आमीन खां को विश्वास में लेकर 7 मार्च को भारत के लिए रवाना हो गए।
यहां दिल्ली एयरपोर्ट से कार के जरिए उसे घर छोड़ने का झांसा देकर डीडवाना के पास ले गए। उसने विरोध किया तो उसकी सीने पर चाकू से हमला कर दिया। इसके बाद उसे 8 से 25 मार्च तक डीडवाना में बंधक बनाकर रखा। बाद में आमीन खां को घर पहुंचकर 20 लाख रुपए देने की शर्त पर छोड़ा। ऐसा नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी।
बुधवार को अपहृताओं के चंगुल से छूटने के बाद आमीन खां जिला कलक्टर कार्यालय पहुंचा और घटनाक्रम की जानकारी दी। वहीं आमीन ने ब्यावर लौटने पर पत्रिका को धन्यवाद दिया। उसने बताया कि पत्रिका में समाचार प्रकाशित होने के बाद अपहरणकर्ता दबाव में आए और उनके सख्त तेवर ढीले हो गए।
ऐसे शुरू हुआ मामला
आमीन खां ने जिला कलक्टर को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि 17 फरवरी को टयूरिस्ट वीजा से उमराह करने गया। वहां रांडमारी झाक निवासी फकरुद्दीन मिला। उसने कहा कि चचेरा भाई रसीद यहीं पर रह रहा था। वह वापस देश जा रहा है। एक पार्टी उसके साथ पार्सल भेजना चाह रही है। तुम यहां लम्बे समय से रह रहे हो। तुम गवाही दे देगो तो वह उसके साथ पार्सल भेज देंगे। उसकी गवाही पर उस पार्टी ने पार्सल रसीद के साथ भिजवा दिया। जयपुर में जिन्हें पार्सल दिया जाना था। वो उस पार्टी को नहीं मिला। ऐसे में पार्सल भेजने वाले जमीन, अहसान, सुभाष, सद्दाम व सावरा जाट ने उसका रियाद में उसके कमरे से अपहरण कर लिया।
इंटरनेशनल कॉल से करते रहे बात
अपहृता आमीन खां के परिवार वालों से इंटरनेशनल कॉल से बात कर 60 लाख रुपए की मांग करते रहे। इस कॉल पर आमीन खां की भी परिवार वालों से बात करवाई। उसे डीडवाना लाने के बाद आरोपी यह दिखाते रहे कि आमीन खां रियाद में ही है। इसके लिए कांफ्रेंस काल के जरिए बात करते थे, ताकि किसी को यह पता नहीं लगे कि आमीन खां राजस्थान में है।