scriptत्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बदली किस्मत! गुपचुप बेचने वाले से लेकर ये प्रत्याशी बने सरपंच, अब करेंगे अपने गांव की सेवा | Bemetara Panchayat Election 2025: Their luck changed in the three-tier panchayat elections | Patrika News
बेमेतरा

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बदली किस्मत! गुपचुप बेचने वाले से लेकर ये प्रत्याशी बने सरपंच, अब करेंगे अपने गांव की सेवा

Bemetara Panchayat Election 2025: सोमवार को हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कई लोगों की किस्मत बदल गई है। गुपचुप बेचने वाले युवक को सरपंच का ताज मिला है।

बेमेतराFeb 19, 2025 / 02:02 pm

Khyati Parihar

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बदली किस्मत! गुपचुप बेचने वाले से लेकर ये प्रत्याशी बने सरपंच, अब करेंगे अपने गांव की सेवा
Bemetara Panchayat Election 2025: बेमेतरा जिले में सोमवार को हुए त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन में सनकपाट, मटका, कंतेली और नरी पंचायत का चुनाव परिणाम चर्चा में है। छीतापार पंचायत के सरपंच पद पर 150 रुपए में रोजाना मजदूरी करने वाली महिला निर्वाचित हुई है। वहीं ग्राम मटका में गुपचुप बेचने वाले युवक को सरपंच का ताज मिला है। ग्राम कंतेली में नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ने वाला युवक सरपंच बना है। वहीं ग्राम नरी में महज 3 मत से चुनाव जीतकर जिले में सबसे कम मत से सरपंच का निर्वाचन हुआ है। ग्राम बावामोहतरा में बिजली ऑपरेटर का काम करने वाला युवक अब सरपंच की गद्दी संभालेगा।

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जानकारी हो कि सोमवार को जिले के बेेमेतरा एवं नवागढ़ जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में मतदान हुआ। मतदान के बाद गांव में ही मतों की गणना कर परिणाम जारी किए गए। हालांकि निर्वाचित प्रतिनिधियों को बुधवार को प्रमाण-पत्र जारी किया जायेगा। इससे पूर्व परिणाम का सारणीकरण का काम मंगलवार को किया गया। जिले के 219 सरपंचों का निर्वाचन हुआ है।

सबसे कम तीन मत से चुनाव जीता, बना नरी का सरंपच

ग्राम पंचायत नरीकोशा में सरपंच पद पर लोकेश साहू महज 3 मत से चुनाव जीतकर जिले में सबसे कम अंतर से चुनाव जीतने वाले सरपंच बने हैं। मतदान के बाद की गई गणना में लोकेश को 578, गजेन्द्र को 575 और योगेश पुरी को 138 मत प्राप्त हुए, जिसके बाद 3 मत अधिक पाकर लोकेश सरपंच बने हैं। ग्राम बावामोहतरा में 25 साल के बिजली ऑपरेटर तामेश्वर बजरंग देवादास ने 200 से अधिक मतों से चुनाव जीता है। ग्राम फरी में लक्ष्मण डेहरे सरंपच चुुने गए हैं।
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मतपेटी में डाले गए 84 मत और गणना में 83 ही निकले

ग्राम लालपुर पंचायत के वार्ड 5 में पंच का चुनाव लड़ने वाली सरिता साहू ने जिला मुख्यालय पहुुंचकर शिकायत की है कि उनके वार्ड के रिकॉर्ड में 84 मत डालना दर्शाया गया है पर गणना में 83 मत निकले। वहीं एक मतदाता को पंच के लिए मतपत्र नहीं दिया गया है, जिससे वो अधिकार से वंचित रह गईं। परिणाम में वो केवल एक मत से हारी हैं, जिसे देखते हुए पुनर्गणना के लिए आवेदन लगाने पहुंची थी पर वापस लौटा दिया गया। पंच दावेदार ने न्याय के लिए गुहार लगाई है।

गुपचुप बेचने वाला मनाराम बना सरपंच

ग्राम मटका में हुए चुनाव में इस बार गांव में अपना गुजर बसर चलाने के लिए गुपचुप का ठेला लगाने वाले युवक मनाराम साहू को सरंपच चुना है। मटका के ग्रामीणों नेे मतदान किया है, जिसमें मनराम को दोनों बूथ में 373 मत एवं वहीं प्रतिद्वंदी पवन को 362 मत प्राप्त हुए, जिसके बाद 11 मत से मनाराम ने जीत दर्ज की। ग्रामीणों ने बताया कि मिलनसार होने की वजह से चुने गए हैं।
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ऑपरेटर का काम छोड़कर चुनाव लड़ा बना सरपंच

ग्राम कंतेली ग्राम पंचायत में ग्रामीणों ने समिति में डेलीवेजेस पर काम करने वाले युवक महादेव वर्मा को सरपंच चुना है। महादेव वर्मा ने अपने प्रतिद्वंद्वी को 349 मतों से हराया है। युवक का सरपंच बनाना चर्चा का विषय बना हुआ है।
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रोजी-मजदूरी करने वाली महिला बनी सरपंच

बेमेतरा जनपद के ग्राम छीतापार पंचायत के तीन गांव के मतदाताओं ने रोजी-मजदूरी कर जीवन चलाने वाली शिवकुमारी कोशले को सरपंच चुना है। सावित्री को 612 मत प्राप्त हुए। प्रतिद्वंदी सेे 200 मत अधिक होने पर उन्हें विजयी घोषित किया गया। शिवकुमारी के पति अमित कोशले ने बताया कि गांव वालों के कहने के बाद अपनी पत्नी को चुनाव लड़ाया था, जिसके लिए उन्होंने अपना खेत गिरवी रखा था।
इसके साथ ही गांव वालों ने भी आर्थिक स्थिति को देखते हुए मदद की। उनके अपने ग्राम पंचायत के ग्राम छीपापार एवं करचुवा का समर्थन मिला। उन्होंने बताया कि दोनों पति-पत्नी 150-150 रुपए में रोजी-मजदूरी करते हैं। आवास स्वीकृत नहीं होने की वजह से जर्जर कच्चे मकान में बच्चों के साथ रहते हैं।
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गांव में स्कूल खुलवाने का प्रण लेकर मैदान में उतरी: प्रीति

नवनिर्वाचित सरपंचों में सबसे चौंकाने वाला नाम जिले के बसनी गांव की नई सरपंच का है। यहां से 21 साल की शिक्षित प्रीति यदु को नया सरपंच चुना गया है। गांव की बेटी प्रीति यदु के सरपंच बनने से गांव में दिवाली का माहौल है। नवनिर्वाचित सरपंच प्रीति यदु ने कहा कि उनका एक ही उद्देश्य है कि इस गांव को शिक्षा के क्षेत्र में आगे लाना है। यहां के जो बच्चे हैं। वे पांचवी पढ़ने के बाद बाहर दूसरे गांव नहीं जाते हैं। शपथ होने के बाद प्रथम बैठक में ही स्कूल खोलने का प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रीति की पढ़ाई डीएलएड, आईटीआई कोपा, बीए पीजी किया है।
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