नगरीय क्षेत्र में स्कूल के लिए भूमि का उपयोग परिवर्तन आवश्यक हो सकता है, खासकर यदि भूमि का उपयोग पहले से ही किसी अन्य उद्देश्य के लिए था।यह नियम सुनिश्चित करता है कि स्कूल के लिए उपयोग की जाने वाली भूमि शिक्षा के उद्देश्य से ही उपयोग में लाई जाए। लेकिन नगर में ऐसे भी स्कूल संचलित हो रहे हैं जिन्होंने भूमि परिवर्तित नहीं की है। कृषि भूमि, आवासीय भूमि पर स्कूल का संचालन किया जा रहा है जिसके कारण राजस्व की हानि हो रही है।
कार्रवाई करना जरूरी
नगर पालिका क्षेत्र में नगर पालिका और राजस्व विभाग को इस ओर कार्रवाई करना जरूरी है, जिससे राजस्व की बढ़ोत्तरी हो सके। निजी स्कूल भूमि का उपयोग परिवर्तन (डायवर्सन) जरूरी हो सकता है, लेकिन यह नियम क्षेत्र और भूमि के प्रकार पर निर्भर करता है। स्कूल प्रशासन को भूमि उपयोग परिवर्तन के लिए स्थानीय प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है। ये भी पढ़ें:
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स्कूलों को छात्रों के लिए खेल के मैदान के लिए भी भूमि की आवश्यकता होती है, जो कि शहरी क्षेत्र में 0.200 हेक्टेयर (आधा एकड़) होनी चाहिए। यह नियम सुनिश्चित करता है कि स्कूल में छात्रों के लिए पर्याप्त खेल सुविधाएं उपलब्ध हों।
नियमों का पालन करना अनिवार्य
स्कूल प्रशासन को भूमि उपयोग परिवर्तन और खेल के मैदान के लिए भूमि के नियमों का पालन करना होता है। यदि स्कूल प्रशासन इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। पालक संजय बचले ने बताया कि ब्लॉक में स्कुलो की नियम्मावली के अनुसार स्कूल संचलित नहीं किए जा रहे है। उन्होंने जिला कलेक्टर से उच्चय स्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है। ब्लॉक में 12 हाई स्कूल संचलित किए जा रहे हैं। 1 अप्रेल से स्कूल खुल रहे हैं भूमि से सम्बंधित जानकारी देखकर बताना पड़ेगा 1अप्रेल के बाद स्कूलों का भौतिक निरीक्षण किया जाएगा। – लक्ष्मी नारायण प्रजापति, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आमला
प्राथमिक माध्यमिक, अन्य निजी स्कूल की मान्यता के लिए जांच की जा रही है। निजी स्कूल संचलित करने के लिए स्कूल की भूमि को शिक्षा के लिए परिवर्तित करना अनिवार्य है।- मनीष घोटे, स्रोत्र समन्वयक जनपद शिक्षा केन्द्र आमला