काम का लिया था प्रशिक्षण
अनीता बताती हैं कि दो साल पहले तक कोई काम नहीं था। मैंने आत्मनिर्भर बनने के लिए पीएनबी आरसेटी के माध्यम से इसका प्रशिक्षण लिया और काम शुरू किया। शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आई, लेकिन अब सब कुछ बेहतर हो गया है। अच्छे ऑर्डर मिलने के बाद काम खूब चल निकला है। अनीता हमेशा से कुछ नया करने का सपना देखती थीं, जिससे वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधार सकें। इसके लिए उन्होंने पीएनबी आरसेटी से उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया।जयपुर में पढ़ाई करते हैं बेटे
अनीता ने केवल पेपर कवर और लिफाफा बनाना, बल्कि उन्हें व्यवसाय संचालन की कई महत्वपूर्ण जानकारियां भी मिलीं। अनीता ने अपनी बनाई वस्तुओं को विभिन्न मेलों और प्रदर्शनियों में बेचना शुरू किया, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा होने लगा। अब वह हर माह 25 से 30 हजार रुपए तक की कमाई कर रही हैं।सीएम ने सराहा अनीता का काम
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा 27 मार्च को अन्त्योदय कल्याण समारोह को संबोधित करने पुलिस परेड ग्राउंड पहुंचे थे। यहां अनीता ने प्रदर्शनी लगाई थी। सीएम ने अनीता से उनके काम के बारे में जानकारी ली और आत्मनिर्भर बनने की कहानी जानकार उनका हौसला बढ़ाया। सीएम ने कहा कि उनकी सरकार ऐसी महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर है और इस दिशा में प्रयास निरंतर जारी रहेंगे।इनका कहना है
पीएनबी आरसेटी ने अनीता को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मार्गदर्शन दिया और आज वह केवल अपनी आर्थिक स्थिति को ही नहीं सुधार रही हैं, बल्कि गांव की अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा बन चुकी हैं।उपेन्द्र श्रीवास्तव, निदेशक, पीएनबी आरसेटी, भरतपुर