तीन साल पहले बाबा विजयदास ने की थी आत्महत्या दरअसल 16 जनवरी 2021 को गांव पसोपा में बृज के पहाड़ों पर अवैध खनन के विरोध में धरना शुरू हुआ था। धरना 551 दिन चला था। संत विजय दास पसोपा के पशुपति नाथ मंदिर के महंत थे। 20 जुलाई 2022 को बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में विजय दास ने केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली थी। विजय दास के आत्मदाह की घटना के बाद तत्कालीन सरकार के आश्वासन के बाद साधु-संतों ने आंदोलन खत्म कर दिया था। एक दिन बाद सरकार ने अवैध खनन वाली जमीन को वन विभाग को ट्रांसफर कर दिया। हालांकि अब साधु-संतों का आरोप है कि जिन पहाड़ों की रक्षा के लिए संत ने प्राण त्यागे थे, वहां अब भी बेखौफ अवैध खनन चल रहा है।