Floating Solar Plant: फ्लोटिंग सोलर प्लांट से उत्पादन
इस जलाशय में एकत्र पानी
भिलाई स्टील प्लांट और टाउनशिप दोनों ही जगह सप्लाई किया जाता है। बीएसपी को फ्लोटिंग सोलर प्लांट से सालाना करीब 34.26 मिलियन यूनिट ग्रीन पावर उत्पादन होने की उमीद है। इसका इस्तेमाल बीएसपी कैप्टिव पावर के तौर पर किया जाएगा। इस परियोजना से भिलाई स्टील प्लांट के कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में सालाना 28,330 टन की कमी आने की उम्मीद है।
2.1 वर्ग किलोमीटर में फैला है जलाशय
मरोदा जलाशय 2.1 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसमें यह सोलर प्लांट आकार लेे रहा है। बीएसपी के जनसंपर्क विभाग के मुताबिक भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने सोलर एनर्जी से 2023-24 के दौरान 1,57,610 यूनिट बिजली का उत्पादन किया। इससे सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र को माह में 10,71,751 रुपए मिल रहा है। जनरेटेड बिजली को ग्रिड में दे दिया जाता है।
कार्बन फुटप्रिंट में सुधार होने की उम्मीद
Floating Solar Plant: भिलाई स्टील प्लांट मरोदा-1 जलाशय में 15 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर परियोजना स्थापित कर रहा है। इससे कार्बन फुटप्रिंट में सुधार होने की उम्मीद है। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड कार्बन उत्सर्जन को कम करने, ऊर्जा संरक्षण और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग परियोजनाएं चला रही है। इस परियोजना का क्रियान्वयन एनटीपीसी-सेल पावर सप्लाई कंपनी लिमिटेड,
एनएसपीसीएल के माध्यम से किया जा रहा है। यह नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन, एनटीपीसी और सेल की 50-50 की संयुक्त उद्यम कंपनी है।