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दुष्कर्म कर झाड़ियों में फेंका युवती का शव, जीई रोड पर चक्काजाम कर किया प्रदर्शन, देखें Photo… बच्ची के परिजनों का कहना है कि आरोपी ऐसी घिनौनी हरकत नहीं कर सकता। उसे बचपन से जानते हैं।
पुलिस ने उसे दबाव में आकर आरोपी बनाया है। आरोपी कोई और हो सकता है। मृतक बच्ची की मां का कहना है कि मेरे देवर जिसे मैं उसे बेटा जैसे मानती हूं उसे फंसाया जा रहा है। हमको हमारे देवर से बात तक करने नहीं दिया गया। वह बच्ची को रोज स्कूल से पैदल छोड़ने और लाने जाता था। जिस रास्ते से आता है, उस रास्ते में मैदान पड़ता है। उसके मन में कुछ होता तो पहले ही कर सकता था। उसे फंसाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए। जांच में चाहे जो रिपोर्ट आए, उसमें चाहे मेरा देवर ही क्यों न हो उसे फांसी की सजा हो।
Durg Rape Murder case: आरोपी के साथ मारपीट
पता चला है कि आरोपी के इस घृणित कृत्य से जेल में बंदी आक्रोशित थे। जेल दाखिल होने पर बंदियों ने जमकर धुनाई कर दी। सच्चाई की पुष्टि सीसीटीवी कैमरे से हो सकती है। कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित दल बालोद विधायक संगीता सिन्हा, खैरागढ़ विधायक यशोदा वर्मा, डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता बघेल, पूर्व विधायक छन्नी साहू और
राजनांदगांव की पूर्व महापौर हेमा देशमुख मिलकर पीड़ित परिवार के घर पहुंचे। उनसे मुलाकात की। इसके बाद एसपी जितेन्द्र शुक्ला से मुलाकात की। विधायक संगीता सिन्हा ने बताया कि बयान के आधार पर मामला अभी क्लीयर नहीं हुआ है। मैने एसपी से डीएनए टेस्ट की बात की है। उन्होंने कहा कि पांच लोगों का डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है। जो भी जांच हो रही है, वह निष्पक्ष होगी यह भरोसा दिलाया है।
उन्होंने कहा कि 8 साल की बच्ची को रात ढाई बजे घर से लाकर थाना में बैठकर उसके साथ मारपीट की। उसे रेलवे ट्रेक पर सुलाने की धमकी दी गई। इसकी निंदा करती हूं। मैने उसे सस्पेंड करने की मांग की। एसपी ने शाम तक उसके खिलाफ एक्शन लेने का भरोसा दिलाया है। मामले में संदेह है। कार में बच्ची कैसे आई और रेप की जगह भी क्लीयर नहीं है। इसमें सरकार के दबाव में पुलिस ने निर्णय लिया है। डीएनए टेस्ट के लिए पांच लोगों का टेस्ट भेजा गया है। उसकी रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई करना चाहिए।
इंवेस्टीगेशन में बच्ची के चाचा के खिलाफ साक्ष्य
इस मामले में पुलिस का दावा है कि उनके पास आरोपी के खिलाफ पूरे साक्ष्य और तथ्य हैं। इनवेस्टिगेशन करने के बाद बच्ची के चाचा के खिलाफ साक्ष्य मिले हैं, तब उसके के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का यह भी कहना है कि इस समय परिवार की स्थिति को समझा जा सकता है। इस तरह का आरोप भावुकता में लगा रहे हैं। जबिक पुलिस विवेचना के बाद ही आगे बढ़ती है। इस मामले में डीएनए टेस्ट भी करवाया जा रहा है। रिपोर्ट से सब साफ हो जाएगा। इधर बुधवार को बाल संरक्षण आयोग की पूर्व अध्यक्ष शताब्दी पांडेय पीड़ित परिवार से मिलने आई थी। उन्होंने बताया कि भारतीय स्त्री शक्ति के प्लेटफार्म के तहत यहां आई थी। उनके साथ एडवोकेट संगीता मिश्रा, हेमलता सिंह और छत्तीसगढ़ महिला मंच से सरिता पटेल भी थी। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार का कहना है कि जिस कार में बच्ची का शव मिला है, उस पर शक है या कोई दूसरा आरोपी हो सकता है। बच्ची के चाचा ने ऐसा कृत्य नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि जांच के दौरान पुलिस द्वारा बहुत क्रूरता पूर्वक परिजनों से व्यवहार किया गया और उन्हें मारा गया।
परिवार की 8 साल की बालिका को रात में 2.30 बजे उठाकर ले गए। उसके साथ जेंट्स पुलिस ने मारपीट की है। उसने कहा कि वह नहीं थी। कन्या भोजन में गई थी। हमने लिखित में शिकायत लिया है। उसे डीजीपी के पास भेंजेगे। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को मेल कर रहे है। यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। हम पूरी उम्मीद करेंगे की हमारी सरकार के द्वारा निष्पक्ष जांच होगी।
जांच और सबूतों के आधार कार्रवाई : एसपी
एसपी जितेंद्र शुक्ला का कहना है कि आरोपी को लेकर परिवार भावुक होकर बयान दे रहा है। उन्हें समझ नहीं है। जब साक्ष्य के रुप में जब सारी बातें रखी जाएगी, तब उनको भरोसा होगा। पुुलिस की कार्रवाई सही है। पुलिस की विवेचना तार्किक ढंग और सबूतों के आधार पर हो रही है। जिसे आरोपी बता रहे है उसकी दिनचर्या चेक की गई है। उसके फेवर में है कि वह आरोपी नहीं है। इसलिए उसे साइड किया गया है।