इधर, सुबह से ही शहर के बाजार बंद है। मेडिकल स्टोर यूनियन सहित 60 संस्थाओं ने बंद को समर्थन दिया है। निजी विद्यालय संस्थान ने भी बंद को समर्थन दिया है और निजी स्कूलें भी बंद है। टैक्सी यूनियन के समर्थन के कारण भी लोग को आने-जाने में परेशान हो रही है।
मंगलवार को ब्लैक-डे के रूप में मनाया जा रहा है। दोपहर 12 बजे महलों के चौक से रैली निकाली गई। महापड़ाव के साथ शाम को 6 बजे समय में ताली व थाली बजाते हुए क्षेत्रवासी रात्रि में 8 बजे कुछ देर के लिए क्षेत्र में घरों में बिजली बंद रख कर ब्लैक आउट रखेंगे। महापड़ाव में शामिल होने के लिए शाहपुरा सहित जहाजपुर, पंडेर, फूलियाकलां, कोटड़ी, रायला तथा बनेड़ा क्षेत्र के ग्रामीण पहुंचे।
स्कूलें और मेडिकल स्टोर भी बंद
निजी विद्यालय संस्थान के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार व्यास ने बताया कि ब्लैक-डे के दिन आज क्षेत्र के समस्त निजी विद्यालय बंद रखे गए हैं। स्वैच्छिक बंद के दौरान केमिस्ट एसोसिएशन जहाजपुर एवं शाहपुरा ने भी मेडिकल स्टोर बंद रख रखे है। पुलिस ने रैली रोकी
इससे पहले मंगलवार को जिला बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में त्रिमूर्ति चौराहे से रैली निकाली। जिसमें अभिभाषक संस्था के कई वकील, संघर्ष समिति के सदस्य, टैंपो यूनियन, लक्षकार समाज सहित कई प्रदर्शनकारी शामिल थे। इस दौरान थानाधिकारी सुरेश चंद्र ने रैली निकालने की स्वीकृति दिखाने पर अड़ते हुए रैली को आगे बढ़ने से रोक दिया।
इसे लेकर रैली में शामिल बार एसोसिएशन के कई अधिवक्ताओं व थाना प्रभारी के बीच खासी तनातनी हो गई। पुलिस के रोकने पर भी प्रदर्शनकारी नहीं रुके और आगे बढ गए। उपखंड कार्यालय के बाहर पहुंची रैली सभा में परिवर्तित हुई।
वकीलों के साथ धक्का-मुक्की
रैली को संबोधित करते हुए अभिभाषक संस्था एवं जिला बचाओ संघर्ष समिति अध्यक्ष दुर्गा लाल राजौरा ने पुलिस पर ज्यादती करने का आरोप लगाते हुए कहा के जिले की पुन: बहाली की मांग को लेकर तीन सप्ताह से शांति पूर्ण ढंग से चल रहे आंदोलन को पुलिस राजनीतिक दबाव के कारण कुचलने का प्रयास कर रही है। रैली में वकीलों के साथ धक्का मुक्का की गई। पुलिस की दमनकारी नीति को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पिछले 28 दिनों से चल रहा विरोध-प्रदर्शन
बता दें कि 18 दिसंबर को ही मुख्यमंत्री शाहपुरा आए थे और ठीक दस दिन बाद शाहपुरा जिला समाप्त हो गया। जिला खत्म के विरोध में 3 जनवरी से शाहपुरा जिला बचाओ आंदोलन भी शुरू हुआ, जो अभी तक जारी है।