Chandrashekhar Azad का SHOCKING बयान, ‘महाकुंभ हादसे के सबसे बड़े दोषी हैं बागेश्वर बाबा’
Chandrashekhar Azad: प्रयागराज के महाकुंभ में हुए हादसे को लेकर आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को भगदड़ का दोषी बताया है। आइये बताते हैं चंद्रशेखर आजाद ने क्या कहा ?
Chandrashekhar Azad on Bageshwar Baba: प्रयागराज के महाकुंभ में हुए हादसे को लेकर नगीना से लोक सभा सांसद और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ ने बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को दोषी बताया है। उन्होंने बागेश्वर बाबा पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने की बात कही है।
चंद्रशेखर आजाद ने महाकुंभ में हुए भगदड़ को लेकर कहा कि भगदड़ पर चर्चा होनी चाहिए। नाम बड़े और दर्शन छोटे। आपने इतने बड़े-बड़े वादे किये थे और इतना बड़ा फेल्योर हुआ। जब प्रधानमंत्री इस बात पर ट्वीट करके संवेदना पप्रकट कर चुके थे तब भी मुख्यमंत्री इस बात को छुपा रहे थें। इस पर जांच हो और चर्चा हो कि वहां ऐसी घटना क्यों हुई ?
बागेश्वर बाबा पर हो मुकदमा
बागेश्वर बाबा पर आरोप लगाते हुए चंद्रशेखर आजाद ‘रावण’ ने कहा कि एक बागेश्वर बाबा हैं जिन्होंने वहीं कुंभ में खड़ा होकर कहा था कि जो यहां नहीं आएगा मौनी अमावस्या पर जब यहां अमृत वर्षा होगी वो देश्द्रोशी होगा। मैं मानता हूं कि जो लोग वहां गए और अव्यवस्था की वजह से जिनकी जान गई। उन सभी के जिम्मेदार बागेश्वर बाबा है। उनपर मुकदमा करके उन्हें जेल में डाल देना चाहिए। उन्होंने लोगों से आवाह्न किया और उनके इस आवाह्न से वहां भीड़ हुई। मेरा मानना है कि ऐसे धर्माचार्यों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
Chandrashekhar का बड़ा आरोप
चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा कि वहां के अधिकारी आखिर किसके दबाव में थें की इस पर संवेदना प्रकट नहीं कर रहे थे और इस पर अपनी बात नहीं रख रहे थे। कुंभ के साथ-साथ बागपत में भी जैन समाज के श्रद्धालुओं के कार्यक्रम में 16-17 लोगों के जान जाने की खबर है। उनको क्या मुआवजा मिला ? कुंभ में जिनकी जान गई उन्हें मुआवजा दिया लेकिन यहां के लिए कुछ नहीं। मुआवाजा देने में भी गैरबराबरी कर रहे हैं।
सर्वदलीय बैठक के बाद आज़ाद समाज पार्टी-कांशीराम के अध्यक्ष और सांसद, चन्द्रशेखर आज़ाद ने कहा कि कई मुद्दे हैं क्योंकि पिछली बार सदन नहीं चल सका। एससी/एसटी छात्रों के लिए राष्ट्रीय छात्रवृत्ति जैसे मुद्दे हैं। एससी/एसटी समुदाय पर बढ़ते अत्याचार, जाति जनगणना, वक्फ पर जेपीसी का एकतरफा फैसला और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होनी चाहिए।