भीलवाड़ा जिले के जहाजपुर अस्पताल में प्रसूता ने जेनेटिक डिसऑर्डर बच्चे को जन्म दिया है। प्रसूता के बच्चे के जन्म देने के बाद चिकित्सक खुद हैरान हो गए और देखते ही देखते पूरे अस्पताल में चर्चा का विषय बन गया।
बच्चे का सिर शरीर की तुलना में बड़ा, आंखें-नाक मुंह सब विकृत हैं। डॉक्टरों का मानना है कि जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण इस तरह के बेबी होते हैं। ऐसे बच्चों के बचने की संभावना बहुत कम होती है।
जहाजपुर हॉस्पिटल के डॉक्टर रोहिताश मीणा ने कहा ये रेयर कंडीशन है। इस तरह की संतान जेनेटिक डिसऑर्डर के कारण होती है। इसे कोलोडियल वे भी कहते हैं। इसमें बच्चे को मल्टीपल समस्याएं होती हैं। इस बच्चे की स्किन सूखी है। आखें विकसित नहीं हुई हैं। हार्ट में भी दिक्कत हो सकती है।
ऐसे बच्चों के बचने की संभावना बहुत कम होती है। 100 में से 10 फीसदी बच्चे ही बच पाते हैं। ये भी ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रह पाते। ऐसे बच्चों को फीडिंग की दिक्कत आने के साथ-साथ कई तरह की बीमारियां होती हैं।